रिलैक्स! इत्ता टेंशन क्यों लेते हैं भाई

मुझे पता है कि कुछ ट्रेडर्स इतने थक और पक गए हैं कि वे अब भारतीय इक्विटी को लेकर उतना गंभीर नहीं रहे। मैं गुजरात में करीब 10,000 निवेशकों से मिला और मुझे अहसास हुआ कि उनमें से ज्यादातर शेयर बाजार के पक्ष में नहीं है। बस ट्रेडिंग के लिए ट्रेडिंग करते हैं। यहां तक कि आज खरीदो, कल बेचो (बीटीएसटी) वाले खिलाड़ी भी थक गए हैं और लंबे समय से उन्होंने भी निफ्टी में शॉर्ट रहना, फिर हेजिंग करना या पहले हेजिंग करके शॉर्ट सौदे करने का सिलसिला चला रखा है।

इससे जहां तक मैं समझ पा रहा हूं, यही जाहिर होता है कि बाजार में भरोसा काफी घट चुका है। दुनिया के बाजारों का रुख रोज-ब-रोज ट्रेडरों को और ज्यादा परेशान करता जा रहा है। वे रात मे डेढ़ बजे तक अमेरिका के बाजार का हाल देखते रहते हैं। फिर फटाफट सुबह तैयार होते हैं तो नींद पूरी नहीं हुई होती, दिमाग अशांत रहता है और मन में डर भरा रहता है।

यह निराशावाद की इंतिहा है और इसलिए मुझे यकीन है कि यहां से तेजी के बाजार का नया दौर शुरू होगा। फिलहाल, मैं इन बंधुओं से यही कहना चाहूंगा कि अपने को बहुत ज्यादा मत खींचो और चित्त को शांत रखो। बाजार को गौर से, सावधानी से देखो। जल्दबाजी में कोई फैसला न करो। अगर सौदों का बहुत ज्यादा झंझट नहीं है तो देर रात 2 बजे तक टीवी देखने की जरूरत नहीं है। 10 बजे बिस्तर पर चले जाइए और शांत रहकर थोड़ा आराम करिए। आप खुद को बेहतर महसूस करेंगे। केवल एक चीज ध्यान में रखिए कि बिजनेस चैनलों पर अनाप-शनाप सुनकर उनकी हवाबाजी में मत आइए और शॉर्ट सौदों से बचने की कोशिश कीजिए।

आपका मन शांत होगा, सुकून मिलेगा तसल्ली मिलेगी। इसके बाज आप बाजार को बेहतर समझने लगेंगे। मुझे अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि अभी तो हमारे शेयर बाजार में काउंसेलिंग जैसी कोई चीज नहीं है, लेकिन जिस तरह से मनोवैज्ञानिक दबाव और डिप्रेशन बढ़ रहा है, उसे देखते हुए अगले तीन सालों में इसकी भी शुरुआत हो जाएगी।

आज आप सबसे अच्छी तरह जिओ, अपनी पूरी क्षमता पर काम करो और सबसे अच्छा सोचो क्योंकि आज की स्थिति ही कल और उसके बाद के भी कल की जमीन तैयार करती है।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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