रिजर्व बैंक तरलता के सारे उपाय करेगा: गवर्नर

रिजर्व बैंक देश के बैंकिंग सिस्टम में पर्याप्त तरलता सुनिश्चित करने के लिए सारे उपाय करेगा। रिजर्व बैंक के गवर्नर दुव्वरि सुब्बाराव ने यह दावा किया है। लेकिन उन्होंने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में कटौती की संभावना के बारे में कोई भी टिप्पणी करने के इनकार कर दिया।

सुब्बाराव गुरुवार को कोलकाता में रिजर्व बैंक के निदेशक बोर्ड की बैठक के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा, “सिस्टम में या कुछ बैंकों के साथ तो निश्चित रूप से तरलता की तंगी है। इसलिए तरलता की स्थिति को सही करने के लिए हम उपयुक्त कदम उठाएंगे।” बता दें कि बैंक इधर हर दिन धन की कमी को पूरा करने के लिए रिजर्व बैंक से भारी-भरकम रकम रेपो के तहत उधार ले रहे हैं। इस हफ्ते गुरुवार को उन्होंने रिजर्व बैंक से 87,180 करोड़, बुधवार को 93,370 करोड़ और सोमवार को 1,00,255 करोड़ रुपए उधार लिए हैं।

रिजर्व बैंक मानता है कि नकदी की कमी बैंकों की कुल जमा के एक फीसदी तक रहे तो ठीक है। यह रकम 60,000 करोड़ रुपए निकलती है। लेकिन बैंक इससे कहीं ज्यादा धन हर दिन रिजर्व बैंक से 8.5 फीसदी की रेपो दर पर उधार ले रहे हैं। रिजर्व बैंक ने सिस्टम में लिक्विडिटी या तरलता की स्थिति बेहतर बनाने के लिए बाजार से 30,000 करोड़ रुपए के सरकारी बांड वापस खरीदने की घोषणा की है। इसमें से 24,300 करोड़ रुपए के बांड वो खरीद चुका है।

इस बीच बांड डीलरों के बीच माना जा रहा है कि रिजर्व बैंक 16 दिसंबर को सीआरआर में आधा फीसदी कटौती की घोषणा कर सकता है। अभी यह अनुपात 6 फीसदी है। इसमें आधा फीसदी कमी से बैंकों को हर दिन करबी 30,000 करोड़ रुपए अतिरिक्त मिल जाएंगे और रेपो के तहत रिजर्व बैंक से लिया जानेवाला उधार 60,000 करोड़ रुपए की संतोषजनक सीमा में आ जाएगा।

सुब्बाराव ने यह भी संकेत दिया कि 16 दिसंबर को मुद्रास्फीति का अनुमान भी बढ़ाया जा सकता है। अभी मार्च 2012 में मुद्रास्फीति का अनुमान 7 फीसदी का है। रिजर्व बैंक गवर्नर का कहना था कि रुपए के अवमूल्यन और कच्चे तेल के मूल्यों ने स्थितियां बदल दी हैं।

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