रामको की शीट पुख्ता और पुश्तैनी

रामको इंडस्ट्रीज बड़ी पुश्तैनी किस्म की कंपनी है। उसके संस्थापक चंदन का तिलक धारण करनेवाले पीएसी रामासामी राजा है। कंपनी ने अपना पहला एस्बेस्टस शीट प्लांट 1967 में तमिलनाडु के आराक्कोणम में लगाया। दूसरा शीट प्लांट करूर (कर्णाटक) में 1974 में और तीसरा प्लांट माक्सी (मध्य प्रदेश) में 1987 में लगाया। इससे पहले माक्सी में ही उसने 1983 में 5 मीटर लंबी और 80 मिमी से लेकर 1000 मिमी व्यास वाली एस्बेस्टस सीमेंट प्रेशर पाइप बनाने का संयंत्र भी लगाया था। यह देश में 5 मीटर लंबी और 600 मिमी से ज्यादा व्यास की ऐसी पाइप बनाने का पहला संयंत्र था।

कंपनी की उत्पादन इकाइयां अब तमिलनाडु, कर्णाटक व मध्य प्रदेश के अलावा गुजरात (सिनुग्रा), दादर नगर हवेली (सिलवासा), खड़कपुर (पश्चिम बंगाल) और आंध्र प्रदेश (विजयवाड़ा) में हैं। वह फाइबर सीमेंट शीट और पाइप उद्योग में देश की अग्रणी कंपनी है। फाइबर सीमेंट शीट बनाने की उसकी सालाना क्षमता 5 लाख टन और फाइबर सीमेंट प्रेशर पाइप की क्षमता 30 लाख टन सालाना है। वह कैल्शियम सिलिकेट के बोर्ड भी बनाती है। देश भर में उसका वितरण नेटवर्क है। कंपनी ने श्रीलंका में भी एक संयंत्र डाल रखा है।

पर्यावरण के प्रति जागरूक लोग जानते होंगे कि पश्चिमी देशों में एस्बेस्टस के खिलाफ काफी नकारात्मक धारणा है। कंपनी भी इसके प्रति जागरूक है और इस बारे में वास्तविक स्थिति उसने अपनी बेबसाइट (रामकोइंडएलटीडी डॉट कॉम)पर विस्तृत रूप से दे रखी है। भारत में स्थिति यह है कि सरकार ने इसे जनवरी 2010 से खतरनाक रसायनों की सूची से बाहर निकाल दिया है। देश में एस्बेस्टस के व्यापक इस्तेमाल से आप वाकिफ होंगे और रामको (या रैम्को) ब्रांड भी जरूर आपकी नजर में कभी न कभी पड़ा होगा।

रामको इंडस्ट्रीज ने वित्त वर्ष 2009-10 में 498.38 करोड़ रुपए की आय पर 53.60 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था। इस साल सितंबर 2010 की तिमाही में उसने 104.99 करोड़ रुपए की आय पर 10.32 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हासिल किया है। आय साल भर पहले की तुलना में बढ़ी है, लेकिन कर्मचारी लागत व डेप्रिसिएशन बढ़ने के चलते शुद्ध लाभ पहले से घट गया है। लेकिन कुल मिलाकर कंपनी की वित्तीय स्थिति काफी दुरुस्त है।

उसका ठीक पिछले बारह महीनों (टीटीएम) का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 6.38 रुपए है, जबकि शेयर की मौजूदा बुक वैल्यू 41.55 रुपए है। कंपनी का एक रुपए अंकित मूल्य का शेयर इस समय बीएसई (कोड – 532369) में 62.45 रुपए और एनएसई (कोड – RAMCOIND) में 62.05 रुपए पर चल रहा है। ईपीएस को देखते हुए शेयर इस समय 9.72 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। कंपनी की 8.67 करोड़ रुपए की इक्विटी में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 50.54 फीसदी है। जाहिर है स्थाई व लंबे निवेश के लिए यह कंपनी अच्छी है। बस मुश्किल यही है कि बी ग्रुप के इस शेयर में ज्यादा कारोबार नहीं होता। मंगलवार को बीएसई में इसके 21,000 शेयरों की ट्रेडिंग हुई थी और एनएसई में 34,833 शेयरों की। इसका 52 हफ्ते का उच्चतम भाव 83 रुपए (8 सितंबर 2010) और न्यूनतम भाव 50 रुपए (16 नवंबर 2009) रहा है।

बाकी चर्चा-ए-खास यह है कि कहा जा रहा है कि आज बाजार 500 अंकों की बढ़त ले सकता है। संजीवनी पैरेंटल में आज का लक्ष्य 64 रुपए का है। मंगलवार को यह 57.05 रुपए पर बंद हुआ था। जानकारों की सलाह है कि अगर आप शेयरों के चुनाव को लेकर भ्रमित हैं तो अभी टाटा स्टील, आईडीबीआई, आईएफसीआई, सेंचुरी, जिंदल सॉ, जिंदल एसडब्ल्यू होल्डिंग्स खरीद सकते हैं जो आपको दिसंबर तक 10 फीसदी का मुनाफा करा सकते हैं। शिवालिक बाईमेटल, विंडसर और त्रिवेणी ग्लास पर भी नजर रखने की जरूरत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *