बोलेगा प्रवर्तकों के शेयरों का यूं बढ़ना

सेटलमेंट के चक्र के अंत में एक बार फिर बाजार में निराशा का आलम है। निफ्टी सुबह खुलने के कुछ देर बाद ही 5804 तक पहुंच गया। फिर 3 बजे तक गिरते-गिरते 5706 तक चला गया। हालांकि आखिरी आधे घंटे में उसमें सुधार देखा गया और यह 5749.50 पर बंद हुआ। लेकिन निफ्टी के जिस 5300 के स्तर को हम काफी पीछे छोड़ आए हैं, अब उसके फिर से वहां तक गिरने की बात हो रही है।

वैसे, मुझे लगता है कि चक्र के खत्म होते ही ट्रेडर सब कुछ भूल-भाल कर बाजार में चल रही कानाफूसियों के आधार पर खरीदने का रूटीन धंधा शुरू कर देंगे। इसमें कोई शक नहीं है कि ब्याज दरें बढ़ने की चिंता और मुद्रास्फीति बड़े मसले हैं। लेकिन क्या इनसे बचा जा सकता है? या, दुनिया के किसी दूसरे हिस्से में ये मसले नहीं हैं? खासकर, वित्त मंत्री की मानें तो जहां भी विकास होगा, वहां इन्हें रहना ही है। हमें शायद इस सच को हाल-फिलहाल स्वीकार कर लेना चाहिए।

कंपनियों के नतीजों का दौर 15 मई तक खत्म हो जाएगा। उसके बाद बाजार मानसून की धुनी रमा देगा। खैर जो भी हो, देखा जाएगा। मैंने इस कॉलम में सेंसेक्स के मूल्यांकन की चर्चा कई बार की है। इसके आधार पर मुझे नहीं लगता कि भारतीय इक्विटी बाजार में कोई बड़ी गिरावट आनेवाली है। बल्कि, अभी शेयरों के स्वामित्व का जो स्वरूप है, उसे देखते हुए बाजार के बढ़ने की व्यापक संभावना है। आप बस इस पर भरोसा रखिए। देखिए तो सही कि तमाम बुरे घटनाक्रमों के बावजूद यूनिटेक एक निश्चित भाव से नीचे नहीं जा रहा, जिसका मतलब है कि हर बुरी खबर पर उसे कोई न कोई खरीदने को आतुर है।

शेयरों के स्वामित्व की बात है तो अभी बाजार का पूंजीकरण चार हिस्सों में बंटा है। एफआईआई की मौजूदा हिस्सेदारी 16 फीसदी है, जबकि दिसंबर 2007 के पहले यह 22 फीसदी थी। रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी 14 फीसदी से घटकर 7 फीसदी पर आ चुकी है। घरेलू निवेशक संस्थाओं (डीआईआई), बीमा कंपनियों व बैंकों का निवेश 3 फीसदी से बढ़कर 7 फीसदी हो चुका है। खास बात है कि इसी दौरान प्रवर्तकों ने अपनी हिस्सेदारी 61 फीसदी से बढ़ाकर 69 फीसदी कर ली है। मेरा यकीन मानिए कि प्रवर्तकों के हिस्से में आठ फीसदी की यह बढ़त तब जाकर निकलेगी, जब सेंसेक्स 45,000 अंक पर होगा।

मैंने महसूस किया है और आप भी महसूस करते होंगे कि हमारे अगल-बगल का हर दूसरा शख्स शेयर बाजार में लंबे समय के लिए निवेश नहीं करना चाहता। या तो वह केवल डे-ट्रेडिंग करना चाहता है या बहुत ही कम वक्त के लिए बाजार में घुसना चाहता है ताकि उधार के पैसों से ट्रेडिंग कर सके। ब्रोकर अपने वजूद को बचाने के लिए फंडिंग का विकल्प देकर ग्राहकों को पटाने की आखिरी कोशिश में लगे हैं। ब्याज का अंतर उनकी कमाई का प्रमुख जरिया बन गया है।

कुछ बड़े ब्रोकर रिटेल ब्रोकिंग का धंधा बंद कर चुके हैं। उन्होंने एनबीएफसी का लाइसेंस लेकर अब गोल्ड काउंटर खोल दिए हैं जो और भी ज्यादा रिस्की धंधा है। इसने उनके मूल व्यवसाय पर ही सवालिया निशान लगा दिया है। एक बार नोट कर लीजिए कि जो चमकता है, वो हमेशा सोना नहीं होता। अभी सोना जिस तरह दमक रहा है, वह कब तक चमकता रहेगा, कोई नहीं जानता क्योंकि इसके पीछे किसी मांग व आपूर्ति का समीकरण नहीं, बल्कि शुद्ध सट्टेबाजी काम कर रही है।

हम हद से बाहर जाकर बाजी नहीं फैलाएंगे क्योंकि इससे आपकी उधार पर निर्भरता बढ़ सकती है जो अपने आप में काफी खतरनाक बात है। धीरे चलिए, बराबर चलिए, सुरक्षित चलिए। हमारी सलाह फंडामेंटल्स व मूल्यांकन पर आधारित होती हैं। वह वक्त के साथ जरूर अपना जौहर दिखाएगी।

इस समय जिस तरह ग्राहकों को खींचने के लिए ब्रोकिंग हाउसों से लेकर जहां-तहां से शेयर खरीदने के एसएमएस भेजे जा रहे हैं वो वाकई बड़ी चिंता की बात है। सुबह-सुबह एसएमएस मिल जाते हैं कि फलांना शेयर खरीदें, लक्ष्य इतने का है। मेरा कहना है कि आप इस तरह की मुफ्त सलाहों में न आएं क्योंकि इनके पीछे भेजनेवाले का स्वार्थ होता है। लालच में आकर हम किसी के स्वार्थ का भाजन न बनें, आपसे मेरी यही गुजारिश है।

निफ्टी में 6030 और 6170 का मेरा लक्ष्य अपरिवर्तित है। देखते हैं कि ऐसा मई में होता है या जून में। मेरा मानना है कि साल का अंत आते-आते निफ्टी को 6500 पर पहुंच जाना चाहिए।

जब भी दुनिया आप पर फूलों की बारिश करे, आपकी तारीफ के पुल बांध दे, तब आपको थोड़ा ज्यादा ही सावधान हो जाना चाहिए।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

2 Comments

  1. your are yesterday write hear market is 300 point up ./
    but now 156 point down.???????????

  2. After Bonuses by Titan,Rallies NOW it’s turn of TTK Prestige to do the favours even Bharat Bijlee is also in the pipeline,
    Chamatkars prediction on Bonuses By Maruti, Novarties, TCS all proved Incorrect.

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