ऐसे-कैसे खिल पाएंगी छोटी कंपनियां

मैंने सुना और अखबारों में पढ़ा भी कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) दोनों ही छोटी व मध्यम आकार की कंपनियों के लिए जल्दी ही अलग एसएमई एक्सचेंज शुरू करने जा रहे हैं। इस एक्सचेंज को लेकर बहुत सारे ट्रेडर और निवेशक काफी उत्साहित हैं। छोटी कंपनियों के आईपीओ में अमूमन कॉरपोरेट गवर्नेंस का स्तर अच्छा नहीं होता। ऐसे ज्यादातर आईपीओ खुलने से पहले ही बिक जाते हैं। आईपीओ की लिस्टिंग पर भाव बहुत गिर जाता है जिससे निवेशकों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। यह सारा सच अब सबके सामने आ चुका है।

लेकिन यह भी सच है कि नए नियमों के मुताबिक छोटे आईपीओ को कठोर परीक्षण व दिशानिर्देशों का पालन करना पड़ेगा। इसलिए मुझे लगता है कि छोटी कंपनियों के लिए अपने शेयरों को एसएमई एक्सचेंज में लिस्ट कराना उतना ही मुश्किल होगा और लिस्ट हो भी गया तो कोई गारंटी नहीं है कि निवेशक आईपीओ में पैसा बना ही लेगा। जब आईपीओ की सफलता की गारंटी नहीं है तो एसएमई एक्सचेंज कामकाज कैसे शुरू करेगा?

हाल ही में बीएसई में इंडोनेक्स्ट में लिस्टिंग की सीमा बढ़ा दी है और इक्विटी या चुकता पूंजी के 10 करोड़ रुपए से ज्यादा होने पर वहां से हटाने की शर्त लगा दी है। संभवतः बीएसई ने ऐसा एसएमई एक्सचेंज की अलग जमीन बनाने के लिए किया है ताकि बड़ी कंपनियां ही मुख्य एक्सचेंज में बची रह जाएं।

तरलता का संकट एक्सचेंजों को बड़े पैमाने पर मथने लगा है क्योंकि वोल्यूम घटकर दो साल के न्यूनतम स्तर पर आ गया है। करीब 2150 कंपनियों को इल्लिक्विड करार दिया गया है। एसएमई एक्सचेंज को खटाक से शुरू करने का एक ही तरीका है कि ऐसी कुछ कंपनियों को निकालकर एसएमई प्लेटफॉर्म पर डाल दिया जाए। अगर इसके बावजूद तरलता का संकट नहीं दूर होता, ऐसी कंपनियों के स्टॉक्स में जान नहीं आती तो एसएमई एक्सचेंज की पूरी धारणा ही खाक में मिल जाएगी। ऐसा मुझे लगता है। लेकिन मैं चाहता हूं कि एसएमई एक्सचेंज जबरदस्त कामयाबी हासिल करे।

हाल फिलहाल के लिए मेरा पहला सुझाव है कि वोल्यूम को बढ़ाया जाना चाहिए जो कि असंभव नहीं है। अगर ऐसा न हो सके, तभी एसएमई एक्सचेंज के बारे में सोचा जाना चाहिए। दूसरा वैधानिक सवाल यह उठ सकता है कि कंपनियां अगर एसएमई एक्सचेंज में जाने का विरोध करती हैं, तब क्या होगा? वजह यह है कि कोई भी कंपनी मुख्य एक्सचेंज को छोड़कर किसी एसएमई प्लेटफॉर्म तक नहीं सीमित होना चाहेगी। इस मुद्दे पर अभी तक कोई स्पष्टता नहीं है।

बाजार की बात पर लौटें तो निफ्टी आज 5555 की रेखा से दो बार सिर टकराकर 0.53 की फीसीद की गिरावट के साथ 5526.85 पर बंद हुआ है। लेकिन मेरा अब भी मानना है कि निफ्टी का 5750 की तरफ बढ़ना तय है। इसे कोई रोक नहीं सकता। इधर कैश बाजार में भी वोल्यूम थोड़ा बढ़ता हुआ दिख रहा है।

देवताओं के लिए भी मनुष्य जीवन पाना दुर्लभ माना गया है। इसलिए एक-एक मनुष्य को सुंदर, सुखी व सुरक्षित जीवन देना बहुत जरूरी है।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का फीस-वाला कॉलम है, जिसे हम यहां मुफ्त में पेश कर रहे हैं)

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