पावर ग्रिड के एफपीओ को हरी झंडी, जारी होंगे कंपनी के 84 करोड़ से ज्यादा शेयर

सरकारी कंपनी पावर ग्रिड कॉरपोरेशन के एफपीओ (फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर) को आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की मंजूरी मिल गई है। यह एफपीओ कंपनी चालू वित्त वर्ष 2010-11 में ही लाएगी। इसके तहत वह 10 फीसदी नए शेयर जारी करेगी, जबकि सरकारी हिस्सेदारी से 10 फीसदी पुराने शेयर बेचे जाएंगे। कंपनी का आईपीओ (शुरुआती पब्लिक ऑफर) सितंबर-अक्टूबर 2007 में 52 रुपए प्रति शेयर के मूल्य पर आया था। इस समय उसका शेयर 101.45 रुपए चल रहा है और ऊपर में 121.45 रुपए तक जा चुका है। इस तरह बिजली के ट्रांसमिशन से जुडी यह कंपनी निवेशकों के पैसे तो तीन साल से भी कम समय में लगभग दोगुना कर चुकी है।

कंपनी प्रस्तावित एफपीओ में कुल 84 करोड़ 17 लाख 68 हजार 246 शेयर जारी करेगी। इसमें से ठीक आधे शेयर नए होंगे और आधे पुराने। अभी कंपनी की इक्विटी पूंजी 4208.84 करोड़ रुपए है जो 10 रुपए अंकित मूल्य के शेयरों में बंटी हुई है। इसमें भारत सरकार की हिस्सेदारी 86.36 फीसदी है। एफआईआई के पास कंपनी के 1.46 फीसदी और डीआईआई (घरेलू संस्थाओं) के पास 5.72 फीसदी शेयर हैं। अकेले एलआईसी के पास कंपनी के 12 करोड़ से ज्यादा (2.87 फीसदी) शेयर हैं। कंपनी के कुल शेयरधारकों की संख्या 8,22,348 है जिसमें से एक लाख रुपए से कम निवेश वाले व्यक्तिगत शेयरधारकों की संख्या 7,91,052 है। एफपीओ के बाद में पावर ग्रिड कॉरपोरेशन में सरकार की इक्विटी हिस्सेदारी घटकर 69.42 फीसदी रह जाएगी।

मौजूदा बाजार भाव के हिसाब से कंपनी को एफपीओ से लगभग 8400 करोड़ रुपए मिलेंगे। इसमें से 4200 करोड़ रुपए तो भारत सरकार के खजाने में चले जाएंगे और बाकी 4200 करोड़ रुपए वह मार्च 2012 तक पहले से तय पूंजीगत खर्चों में लगाएगी। कंपनी ने इस साल अपनी ट्रांसमिशन क्षमता 19,800 मेगावॉट से बढ़ाकर 23,400 मेगावॉट करने का लक्ष्य रखा है। सितंबर-अक्टूबर 2007 में लाया गया पावर ग्रिड का आईपीओ 64.50 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इससे कंपनी ने 2984 करोड़ रुपए जुटाए थे। इसमें से 995 करोड़ भारत सरकार को दिए गए थे और बाकी रकम का इस्तेमाल वित्त वर्ष 2007-08 और 2008-09 के लिए निर्धारित परियोजनाओं मे किया गया था।

केंद्र सरकार ने इस साल सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश से 40,000 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए वह इंडियन ऑयल, कोल इंडिया, सेल, आरआईएनएल और शिपिंग कॉरपोरेशन जैसी कई कंपनियों में विनिवेश करेगी।

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