लकदक तो नहीं, दम है आशियाना में

बाजार इस समय जिस तरह हर दिन धड़ाम-धड़ाम गिर रहा है, उसमें हमारे-आप जैसे निवेशकों के लिए सबसे बेहतर यह होगा कि बिजनेस चैनलों को देखना बंद कर दें, अगले साल-डेढ़ साल के खर्चों के इंतजाम के लिए पर्याप्त धन बैंक एकाउंट में रख दें और इसके बाद वह अतिरिक्त धन अलग कर लें जिसे हम कई सालों के लिए निवेश कर सकते हैं बगैर इस बात की चिंता किए कि रोज़-ब-रोज़ उसमें कितनी घट-बढ़ हो रही है। वैसे, आप खुद इतने समझदार व बुद्धिमान हैं कि यही कर भी रहे होंगे। लेकिन ट्रेडर भाई लोग तो हड़बड़ी में गड़बड़ी करते ही है क्योंकि यह उनकी फितरत है और पेशा भी। इस वक्त ट्रेडर बनेंगे तो खामखां परेशान होंगे, निवेशक बनेंगे तो अपने आशियाने में मस्त रहेंगे।

आज चर्चा आशियाना हाउसिंग की। 1986 में बनी दिल्ली की रीयल एस्टेट कंपनी है। कम लागत के घरों और टियर-2, टियर-3 शहरों पर उसका जोर है। फिलहाल भिवाडी, नीमराणा (राजस्थान), पुणे (महाराष्ट्र) और जमशेदपुर (झारखंड) में उसके प्रोजेक्ट हैं। कंपनी की खास महारत रिटायरमेंट के रिजॉर्ट बनाने में है। करीब तीन महीने पहले उसने कोलकाता के करीब 20 किलोमीटर दूर उत्तरपाड़ा में 10.25 एकड़ जमीन लेने के लिए बंगाल श्रीराम हाइटेक प्रा. लिमिटेड के साथ करार किया है।

असल में बंगाल श्रीराम हाइटेक वहां 300 एकड़ की टाउनशिप बना रही है जिसमें आशियाना हाउसिंग 55 साल से ऊपर के बुजुर्गों के लिए 500 घर बनाएगी। उसका यह प्रोजेक्ट उत्सव के नाम से होगा। उत्सव नाम से ही वह पुणे के पास लवाला सिटी में 7 लाख वर्गफुट में बुजुर्गों के लिए मकान बना रही है। जैसा कि आपको पता ही होगा कि लवासा सिटी को हाल ही में पर्यावरण मंत्रालय की हरी झंडी मिल गई है।

क्रिसिल इक्विटी रिसर्च की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार स्तरीय कंस्ट्रक्शन और समय पर डिलीवरी के कारण पिछले एक साल में आशियाना हाउसिंग की परियोजनाओं में बुकिंग अच्छी रही है। जब तमाम डेवलपर अपने फ्लैट बेचने के लिए परेशान हैं, तब कम लागत के चलते आशियाना को ऐसी कोई दिक्कत नहीं आ रही। कंपनी ने हाल ही में 50 एकड़ जमीन खरीदी है। इससे उसकी बन रही परियोजनाओं का क्षेत्रफल 35 लाख वर्गफुट के बढ़कर 68 लाख वर्गफुट हो गया है। कंपनी रिटेल, होटल और प्रॉपर्टी के प्रबंधन का काम भी करती है। कुछ महीने पहले उसने जमशेदपुर में हयात का 4-स्टार होटल प्रबंधन के लिए लिया है। वह जमशेदपुर में ही 50 करोड़ रुपए की लागत से 120 कमरों का रिटेल-कम-लक्जरी होटल भी बना रही है।

कहने का मतलब यह कि आशियाना हाउसिंग का बिजनेस मॉडल एकदम चकाचक है। कंपनी के संस्थापक व चेयरमैन ओमप्रकाश गुप्ता की इस क्षेत्र में गहरी दखल है। विशाल गुप्ता इसके प्रबंध निदेशक व सीईओ हैं। कंपनी का प्रबंधन परिवार केंद्रित है। लेकिन चलाया इसे प्रोफेशनल अंदाज में जाता है। कंपनी ने बीते वित्त वर्ष 2010-11 में 143.01 करोड़ रुपए की आय पर 48.95 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था। चालू वित्त वर्ष 2011-12 में सितंबर तक के छह महीनों में उसकी आय 80.45 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 27.26 करोड़ रुपए रहा है। कंपनी का ठीक पिछले बारह महीनों (टीटीएम) का स्टैंड-एलोन ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 27.5 रुपए है। कंपनी का दस रुपए अंकित मूल्य का शेयर कल, 12 दिसंबर 2011 को बीएसई (कोड – 523716) में 4.16 फीसदी गिरकर 141.80 रुपए और एनएसई (कोड – ASHIANA) में 3.60 फीसदी गिरकर 144.45 रुपए पर बंद हुआ है।

इस तरह यह शेयर फिलहाल 5.16 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। जनवरी 2010 में यह अधिकतम 14.65 के पी/ई पर ट्रेड हुआ था। लेकिन तब इसका भाव 135 रुपए पर ही था। इसने पिछले साल 16 दिसंबर 2010 को 175 रुपए पर 52 हफ्तों का उच्चतम स्तर हासिल किया था, जिसके बाद 10 फरवरी 2011 को 110.10 रुपए की तलहटी तक चला गया।

क्रिसिल इक्विटी रिसर्च ने आशियाना हाउसिंग को फंडामेंटल मजबूती के पैमाने पर 5 में से 4 का ग्रेड दिया है, जबकि मूल्यांकन के मामले में उसने इसे 5 में 5 का ग्रेड दिया है। उसका कहना है कि साल भर में इस स्टॉक का वाजिब मूल्य 205 रुपए होना चाहिए। यानी, करीब 40 फीसदी बढ़ने की गुंजाइश। उसके मुताबिक वित्त वर्ष 2012-13 तक उसकी आय 210 करोड रुपए और शुद्ध लाभ 53.4 करोड़ रुपए रहेगा। वैसे, 5 दिसंबर को जब क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट लिखी, तब यह शेयर 149 रुपए पर था। उसके बाद के चार कारोबारी सत्रों में गिरकर 141 रुपए तक आ चुका है। इसलिए इसमें जो भी निवेश करने की सोचें, उन्हें कम से कम एक साल का नजरिया रखकर चलना चाहिए।

कंपनी की कुल इक्विटी 18.61 करोड़ रुपए है। इसका 66.12 फीसदी प्रवर्तकों और 33.88 फीसदी पब्लिक के पास है। कंपनी का ऋण-इक्विटी अनुपात मात्र 0.4 है। प्रवर्तकों ने कोई शेयर गिरवी नहीं रखे हैं। एफआईआई व डीआईआई ने कंपनी की इक्विटी में 0.20 फीसदी का मामूली निवेश कर रखा है। कंपनी के कुल शेयरधारकों की संख्या मात्र 10,119 है। इसमें से 9577 (94.64 फीसदी) छोटे निवेशकों के पास उसके 19.06 फीसदी शेयर हैं। उसके तीन बड़े शेयरधारकों में आईडीबीआई फेडरल लाइफ (1.71 फीसदी), एम3 इनवेस्टमेंट प्रा. लिमिटेड (3.58 फीसदी) और सेल्लोर कमर्शियल (1.07 फीसदी) शामिल हैं। कंपनी लगातार पिछले पांच सालों से लाभांश देती रही है।

अंत में बस यही कामना है कि जैसे साल भर पहले ठीक इसी दिन सुझाया गया नवीन फ्लूवोरीन गिरने के बावजूद 27 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दे रहा है, वैसे ही आशियाना हाउसिंग भी आपका लाभ कराए। हमारे बाजार की जो हालत है, उसमें किसी भी हुनर से ज्यादा दुआ काम आ रही है तो दुआ करें कि जल्दी ही बाजार में अच्छे व मजबूत शेयरों को अच्छा भाव मिलने लग जाए।

2 Comments

  1. Namaste Anil ji,

    Aap kisi din BALMER LAWRIE. BSE- 523319 par charcha kare toh bohot acha hoga kyoki mereko ye nivesh ke liye bohot acha lag raha hai par mai is company ke bare aapka raye janna chahta hu.

    Aapka Subhchintak.
    Abhijeet Mitra.

  2. Namaste sir,

    Maine kal Balmer Lawrie ke liye comment kiya tha, kripya kar ke apni raay vayaqt kare.

    Aapka Niyamit Pathak,
    Amit

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