पोस्को की इस्पात परियोजना में फिर खलल, ग्रामीणों ने शुरू किया धरना

दक्षिण कोरिया की कंपनी पोस्को को भारत की जमीन पर पैर रखने में बराबर मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। काफी रगड-धगड़ के बाद उड़ीसा में उसकी प्रस्तावित इस्पात परियोजना को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की हरी झंडी मिली तो राज्य सरकार ने भूमि अधिग्रहण का काम शुरू कर दिया। लेकिन शुक्रवार को भूमि अधिग्रहण के इस काम में खलल पड़ गया। ग्रामीणों ने 52,000 करोड़ रुपए की इस परियोजना के लिए अपनी जमीन के अधिग्रहण के खिलाफ परियोजना स्थल पर धरना शुरू कर दिया है।

जगतसिंहपुर जिले में प्रस्तावित परियोजना के लिए जमीन छोड़ने को लेकर किसानों की उदासीनता को देखते हुए वहां भू-अधिग्रहण के काम में लगाए गये अधिकारी इधर-उधर पैमाइश के काम में लग गए हैं। वे परियोजना क्षेत्र में पड़ने वाले पान की भीटों, मछली पालने के तालाब और बाग-बागीचों की नाप-जोख कर रहे थे।

अपर जिलाधिकारी सरोज चौधरी (पारादीप) ने कहा, ‘‘हमारी इच्छा है कि लोग स्वेच्छा से जमीन दें। पोस्को के लिए जोर-जबरदस्ती से जमीन नहीं ली जाएगी।’’ उल्लेखनीय है कि प्रशासन ने नौ महीने बाद अधिग्रहण की कार्रवाई बुधवार, 18 मई को शुरू की है।

अधिग्रहण में लगाए गए अधिकारियों के दल ने गड़ा कुजंगा पंचायत क्षेत्र के पोलंगा और बयानाला इलाकों का दौरा किया और जगह-जगह पैमाइश की। इसी पंचायत में ग्रामीणों ने एक जगह अधिग्रहण के खिलाफ धरना शुरू कर दिया। यूनाइटेड एक्शन कमिटी से जुड़े ये गांववाले पहले परियोजना के समर्थन में थे। लेकिन अब विरोध करने लगे हैं।

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