निराशा की क्षय, आशावाद की जय

हम लीक से हटकर सोचते और बोलते रहे। भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति एक दृढ़ व सकारात्मक धारणा पर डटे रहे। आज हम सही साबित हो गए। सेंसेक्स व निफ्टी दोनों करीब ढाई फीसदी की बढ़त ले चुके हैं। निफ्टी निर्णायक तौर पर 5600 के पार चला गया। इस महीने ऐसा हो जाएगा, इसकी कल्पना तक बाजार के भाई लोगों ने कतई नहीं की थी। हर कोई बाजार के डूबने की ही भविष्यवाणी कर रहा था। स्थिति यह है कि इन भविष्यवाणियों के चक्कर में पड़कर ज्यादातर ट्रेडर इस समय शॉर्ट हुए पड़े हैं क्योंकि वे माने बैठे थे कि निफ्टी 4700 तक गिर जाएगा।

रोलओवर का आगाज हो चुका है। इसलिए बाजार अब बेचैन या वोलैटाइल हो सकता है। हालांकि ट्रेडरों को अब तेजी का यकीन हो चला है और वे बड़े पैमाने पर 5600 पर खरीद की कॉल के साथ खड़े हैं। निफ्टी में 5600 पर 200 दिनों के मूविंग औसत (डीएमए) की कठिन बाधा है जबकि 200 दिनों का साधारण मूविंग औसत (एसएमए) 5677 है। अगर निफ्टी इसे पार कर गया तो वह पलक झपकते ही 6000 अंक तक जा सकता है।

लेकिन 6000 तक पहुंचने से पहले बाजार काफी इधर-उधर होगा। बाजार के उस्ताद लोग कह रहे हैं कि मौजूदा तेजी म्यूचुअल फंडों द्वारा अपने एनएवी (शुद्ध आस्ति मूल्य) को संभालने और जोड़तोड़ या सट्टेबाजी का नतीजा है। इसलिए बाजार 5700 तक तो जाएगा। लेकिन अप्रैल में फिर गिरकर 5300 और मई में 4700 तक आ सकता है। शायद इसी वजह से वे अब भी स्तरीय स्टॉक्स को खरीदने से बच रहे हैं। देखिए, समय इन जानकारों का साथ देता है या नहीं।

हमारा मानना है कि अगले चार दिन ट्रेडरों के लिए बेहद नाजुक और अहम होंगे। मामूली खबरों पर अचानक बिकवाली हो सकती है क्योंकि रोलओवर के लिए चंचलता या उतार-चढ़ाव की दरकार है। निफ्टी में हालांकि स्टॉप ट्रिगर भी हुआ तो वह खुद को सुधार लेगा। निफ्टी अगर गिरकर 5560 तक चला गया तो बिकवाली शुरू हो सकती है जो उसके 5510 तक पहुंचने तक चलती रहेगी।

अब तक की अपनी पारी अच्छी तरह खेलने के बाद हम पूरी सतकर्ता से आगे बढ़ेंगे। अब हम क्वार्टर फाइनल तक जा पहुंचे हैं। हमारी नई रणनीति ने अधिकतम अच्छी ट्रेडिंग कॉल पैदा की हैं जिनसे ट्रेडरों को कमाने और अपनी खोई जमीन फिर से हासिल करने में मदद मिली है। हम अपनी नई रणनीति को जारी रखेंगे।

चोट करने के लिए लोहे के गर्म होने का इंतजार न करें, बल्कि इतनी चोट करें कि वह गर्म हो जाए।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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