अफीम प्रोसेसिंग का काम अब निजी कंपनियों को

सरकार ने तय किया है कि डोडे से अफीम बनाने का काम किसी कंपनी या कॉरपोरेट निकाय को दिया जाएगा। इससे भारत का सारी दुनिया को अफीम उत्‍पादों को सप्‍लाई करने का परांपरागत दर्जा बरकरार रहेगा और उसमें प्रतियोगिता भी आएगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को नशीले पदार्थौं से संबंधित नीति का अनुमोदन कर दिया।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में मादक द्रव्य एवं नशीले पदार्थ पर राष्ट्रीय नीति (एनडीपीएस) को मंजूरी दी गई। सरकार का मानना है कि इससे कालो धन की रोकधाम में भी मदद मिलेगी। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने पिछले बजट भाषण में ऐसी नीति बनाने का उल्लेख किया था। उन्होंने कहा था, “मादक द्रव्यों के अवैध व्यापार की भी काले धन के प्रसार में बड़ी भूमिका है।”

इस नीति में कहा गया है कि अफीम के डोडे के आदी लोगों की नशे की लत धीरे धीरे छुडाई जाएगी और आखिरकार एक निश्चित अवधि में इसे रोक दिया जायेगा। अवधि का फैसला राज्‍य करेंगे। नीति के अनुसार अफीम और गांजे की अवैध खेती पर नजर रखने में उपग्रह का इस्‍तेमाल किया जाएगा और जो लोग इस खेती से जुडे हुए हैं, उन्‍हें बाद में रोजी रोटी के वैकल्पिक साधन उपलब्‍ध कराये जाएंगे।

अफीम से अल्केलॉयड बनाने का काम निजी क्षेत्र को सौप दिया जाएगा। फिलहाल यह काम सरकारी फैक्ट्रियों में होता है। ऐसे उपाय किए जाएंगे ताकि नशीले पदार्थों की तस्‍करी करने वालों को मोरफीन उपलब्‍ध न हो पाए। इस नीति को लागू करने से अपराधों में कमी आएगी और सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *