एनटीपीसी, पावर ग्रिड नहीं करेंगे राष्ट्रमंडल खेलों को स्पांसर

राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति की मैली चादर में अब छेद भी होने लगे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की दो प्रमुख कंपनियों, एनटीपीसी और पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ने इन खेलों की स्पांसरशिप के लिए पहले वादा किए गए 60 करोड़ रुपए में से बाकी बचे 40 करोड़ रुपए नहीं देने का फैसला किया है। दोनों कंपनियों के निदेशक बोर्ड ने अपनी-अपनी अलग बैठकों में बुधवार को यह निर्णय लिया। गौरतलब है कि 3 से 14 अक्टूबर तक होनेवाले राष्ट्रमंडल खेलों के शुरू होने में अब बमुश्किल डेढ़ महीने बचे हैं।

एटीपीसी ने राष्ट्रमंडल खेलों के प्रायोजन के लिए कुल 50 करोड़ रुपए देने का वादा किया था। इसमें से 20 करोड़ रुपए वह फरवरी 2010 में ही दे चुकी है। इसलिए वह रकम वापस मिलने का सवाल नहीं है। हां, वह बाकी 30 करोड़ रुपए अब नहीं देगी। साथ ही खेलों की आयोजन समिति को पहले दिए जा चुके 20 करोड़ रुपए के खर्च का ऑडिट उसने सरकार द्वारा नियुक्त किसी एजेंसी से कराने की मांग की है। पावर ग्रिड ने पहले प्रायोजन के रूप में 10 करोड़ रुपए देने की प्रतिबद्धता जताई थी। लेकिन अब वह इसमें से एक धेला भी नहीं देगी।

एनटीपीसी के चेयरमैन आर एस शर्मा ने एक सवाल के जवाब में कहा, “हां हमने और स्पांसरशिप रोकने का फैसला किय है।” साथ ही उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि कोई सरकारी एजेंसी आडिट करे।” कंपनी का यह फैसला ऐसे समय में आया है जबकि राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति के बहुत सारे भ्रष्टाचार की खबरे मीडिया में आ चुकी हैं। साथ ही कैग और सीवीसी की जांच से भी कई गड़बड़ियों का खुलासा हुआ है। आखिरकर यूपीए सरकार और उसकी अगुआ पार्टी कांग्रेस का नेतृत्व थोड़ा सक्रिय हुआ है और उसने आयोजन समिति के प्रमुख सुरेश कलमाडी के पर कुतर दिए हैं। कलमाडी को अब सरकार की तरफ से बनाई गई टीम को रिपोर्ट करना होगा और वे कोई स्वतंत्र निर्णय नहीं ले सकते।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को पार्टी के संसदीय दल को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रमंडल खेल देश का गौरव हैं। ये खेल किसी राजनीतिक दल या व्यक्ति से संबंधित नहीं हैं और इन्हे सफलता पूर्वक आयोजित करने का प्रयास होना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग भी भ्रष्टाचार के दोषी पाए जाएंगे, उन्हें खेलों के बाद दंडित किया जाएगा । सोनिया गांधी ने खेलों से संबंधित कामों में जवाबदेही पर जोर देते हुए कहा कि सरकार गड़बड़ी के आरोपों की पड़ताल करेगी और इन खेलों के आयोजन के बाद दोषी पाए गए किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा गठित मंत्री समूह का जिक्र करते हुए कहा कि वह खेलों की तैयारियों को देखेगा। इस बीच यह भी खबर है कि प्रधानमंत्री खुद अगले हफ्ते राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़े कुछ आयोजन स्थलों का निरीक्षण करेंगे।

खेल मंत्री एम एस गिल ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान अनुपूरक सवालों का जवाब देते हुए बताया कि कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन (सीजीएफ) के अध्यक्ष माइक फेनेन आयोजन स्थल का दौरा कर चुके हैं और प्रधानमंत्री अगले हफ्ते इनका निरीक्षण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आयोजन परिसर लगभग तैयार हो चुका है और अभी बस फिटिंग वगैरह का कुछ काम चल रहा है।

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