अल्गोरिदम ट्रेडिंग से सेबी चिंतित, लेकिन बैन नहीं

पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने शेयर बाजार में अल्गोरिदम ट्रेडिंग को बैन करने की किसी भी संभावना से इनकार किया है। लेकिन इससे जुड़े उत्पादों के तेजी से बढ़ने पर वो चिंतित जरूर है। सेबी के चेयरमैन यू के सिन्हा मे मंगलवार को मुंबई में उद्योग संगठन सीआईआई और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्यूरिटीज मार्केट्स (एनआईएसएम) द्वारा पूंजी बाजार पर आयोजित एक समारोह में यह बात कही।

उन्होंने अलग से मीडिया से बात करते हुए कहा, “सेबी का कोई इरादा अल्गोरिदम उत्पादों को बैन करने का नहीं है। लेकिन हम इनसे चिंतित जरूर हैं।” उन्होंने कहा कि इसके लिए उचित जोखिम प्रबंधन व्यवस्था होनी चाहिए। सेबी अभी चल रही जोखिम प्रबंधन व्यवस्था की समीक्षा जल्दी ही करनेवाला है। इसी के चलते बाजार के लोगों में आशंका है कि अल्गोरिदम ट्रेडिंग पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। असल में ऐसी ट्रेडिंग के चक्कर में ही 26 अक्टूबर को दीवाली की मुहूर्त ट्रेडिंग में डेरिवेटिव सौदों को लेकर बीएसई में काफी गड़बड़ हो गई थी और बाद में सारे सौदों को ही निरस्त करना पड़ा था।

सेबी ने कहा था कि ऐसा वाकया दोबारा न हो, इसके लिए वह अल्गोरिदम ट्रेडिंग से जुड़े रिक्स मैनेजमेंट सिस्टम की गंभीर समीक्षा करेगा। अब सेबी चेयरमैन सिन्हा ने साफ किया है कि कोई भी फैसला लेने से पहले सभी संबंधित पक्षों की राय ली जाएगी।

उन्होंने कहा, “हम किसी भी निर्णय से पहले सभी संबंधित पक्षों से सलाह-मशविरा करेंगे। हालांकि सेबी अभी तक इन उत्पादों के लिए कोई रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम लेकर नहीं आई है। लेकिन हम चाहते हैं कि बाजार के सभी लोगों के पास अपना रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम हो।” बता दें कि अल्गोरिदम ट्रेडिंग बारीक गणितीय मॉडल पर आधारित ऐसा कंप्यूटर सॉफ्टवेयर है जिसके जरिए बड़ी तेजी से सटीक व बड़े सौदे किए जाते हैं।

इस मौके पर बीएसई के प्रबंध निदेशक व सीईओ मधु कन्नन ने बताया कि ढाई साल पहले जब उन्होंने एक्सचेंज में जिम्मेदारी संभाली थी, तब बीएसई के 5 फीसदी सौदों में ही अल्गोरिदम का इस्तेमाल होता था। अब ऐसे सौदों की संख्या 25 फीसदी हो चुकी है।

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