नए का संघर्ष

पुराने के भीतर नया पनपता रहता है। प्रकृति में पुराना हमेशा नए को जगह दे देता है। लेकिन समाज में पुराना अपनी जगह सहजता से छोड़ने को तैयार नहीं होता। इसलिए संघर्ष होता है, खून-खच्चर होता है।

1 Comment

  1. नये का भी स्वागत करें।

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