औपचारिकता का निर्वाह है या मजाक!

म्यूचुअल फंड के हर प्रचार के साथ लिखा या बोला जाता है कि म्यूचुअल फंड बाजार के जोखिम से प्रभावित होते हैं। कृपया निवेश करने से पहले ऑफर दस्तावेज को सावधानी से पढ़ लें। लेकिन अगर आप ऑफर दस्तावेज को पूरी सावधानी पढ़ें तो उसमें बाजार के जोखिम के बारे में एक लाइन भी नहीं रहती। खाली स्कीम का बखान ही बखान होता है। यह कहना है दो दशकों से भी ज्यादा वक्त से पूंजी बाजार के विकास से जुड़ी संस्था प्राइम डाटाबेस के प्रमुख पृथ्वी हल्दिया का। यह भी काबिलेगौर है कि पब्लिक इश्यू के प्रॉस्पेक्टस पहले बमुश्किल 30-40 पन्नों के होते थे। अब 500 से 1200 पन्नों के होने लगे हैं। वो भी माथे को चकरघिन्नी खिला देनेवाली अंग्रेजी में।

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