अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के प्रबंध निदेशक पद के लिए फ्रांस की वित्त मंत्री क्रिस्टिनी लैगार्ड द्वारा दावेदारी पेश किए जाने के बाद भी भारत ने कहा है कि विकासशील देश इस मुद्दे पर अपनी स्थिति मजबूत बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
जहां यूरोप के ज्यादातर देश लैगार्ड की उम्मीदवारी का समर्थन कर रहे हैं, वहीं विकासशील देश अपने बीच बड़े बाजार के रूप में उभर रहे किसी देश से एक नाम पेश करने के लिए सहमति बनाने का प्रयास कर रहे हैं। यहां तक कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी वैश्विक वित्तीय संस्थानों में सुधार के प्रयास के लिए विकासशील देशों से एकजुट होने का आह्वान किया है।
वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने गुरुवार को दिल्ली में संवाददाताओं को बताया, ‘‘मैं विकासशील देशों और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के कुछ वित्त मंत्रियों के संपर्क में हूं.. हम अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि हम वहां से काई एक निर्णय कर सकें।’’ वित्त मंत्री ने बताया कि उन्होंने एक दिन पहले बुधवार को दक्षिण अफ्रीका के वित्त मंत्री से फोन पर बातचीत की है।
बता दें कि अमेरिका में यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे डोमिनिक स्ट्रॉस काह्न द्वारा कुछ दिन पहले आईएमएफ प्रमुख के पद से हटने के बाद यह पद रिक्त है। किसी समय फ्रांस में राष्ट्रपति के दावेदार माने जानेवाले काह्न फिलहाल न्यूयॉर्क के एक अपार्टमेंट में नजरबंद हैं। उन पर होटल की महिला कर्मचारी के साथ बलात्कार करने का आरोप है।
उल्लेखनीय है कि ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत चीन व दक्षिण अफ्रीका) इस विचार का खुलकर विरोध कर रहे हैं कि अगला आईएमएफ प्रमुख भी यूरोप से होना चाहिए। हालांकि आईएमएफ में 50 फीसदी से अधिक मताधिकार अमेरिका व यूरोपीय देशों के पास हैं, इसलिए इन देशों की मर्जी के बगैर किसी तीसरे क्षेत्र का व्यक्ति आईएमएफ का प्रमुख चुना जाना मुश्किल है।