गृह फाइनेंस: थोड़ा थम तो जाए!

शेयर बाजार किसी भी आस्ति वर्ग से ज्यादा रिटर्न देनेवाला माध्यम है। यहां निवेश करने के दो ही रास्ते हैं। एक, अपनी रिसर्च के दम पर सीधे शेयरों को चुनकर निवेश करना और दो, म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश करना। अगर आप अपनी रिसर्च नहीं कर सकते तो आपके लिए एकमात्र रास्ता म्यूचुअल फंडों की इक्विटी स्कीमों का है। वैसे, अपने स्तर पर रिसर्च मुश्किल नहीं है। हम इस कॉलम के जरिए यही साबित करने और सिखाने की कोशिश कर रहे हैं। इंटरनेट के इस दौर में इतनी जानकारियां सहजता से उपलब्ध हैं कि किसी की टिप्स के चक्कर में भटकने की जरूरत नहीं है।

दिक्कत यह है कि आज तक जितने भी निवेशकों को मैं जानता हूं, उनके ऊपर टिप्स का ऐसा प्रेत सवार है कि वे उसके अलावा कुछ सोच ही नहीं पाते। वे सबसे बड़ी बात भूल जाते हैं कि टिप्स जैसी कोई चीज नहीं होती। अगर टिप्स में बताई गई ‘खबर’ सच भी हो तो नीचे तक पहुंचने से पहले उसे पूरी तरह निचोड़ा जा चुका होता है। रस से भरा गन्ना तब तक खोइया बन चुका होता है। इसलिए टिप्स से पूरी तरह तौबा कर लेने में ही भलाई है। कंपनी को कायदे से देखिए-तौलिए और तब निवेश कीजिए। यही निवेश का सूत्र है, मंत्र है। हम यही मंत्र आपके मन की भाषा में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं।

गृह फाइनेंस भी एक ऐसा स्टॉक है जिसने गिरते बाजार में उठने का माद्दा दिखाया है। वो भी 20-40 फीसदी नहीं, बल्कि दोगुना से ज्यादा। इसका दस रुपए अंकित मूल्य का शेयर 21 मार्च 2011 को 310.10 रुपए की तलहटी पर था, जबकि करीब महीने भर पहले 8 दिसंबर 2011 को यह 630.05 रुपए पर अपनी पताका लहरा रहा था। उसके बाद नीचे आता गया। लेकिन कल बीएसई (कोड – 511288) में 4.33 फीसदी बढ़कर 563.40 रुपए और एनएसई (कोड – GRUH) में 2.55 फीसदी बढ़कर 561.95 रुपए पर बंद हुआ है। असल में इसके दिसंबर तिमाही के नतीजे कल, 12 जनवरी को आनेवाले हैं। इसलिए इस मिड कैप स्टॉक में खास हरकत दिख रही है।

1986 में बनी गृह फाइनेंस असल में देश की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी की सब्सिडियरी है। सितंबर 2011 तक की स्थिति के अनुसार उसकी 35.3 करोड़ रुपए की इक्विटी का 60.37 फीसदी हिस्सा सीधे-सीधे एचडीएफसी के पास है। सवाल उठता है कि जब खुद एचडीएफसी हाउसिंग फाइनेंस में है तो अलग से सब्सिडियरी बनाने की जरूरत क्या थी? जवाब है कि गृह फाइनेंस गांवों, कस्बों व छोटे शहरों पर केंद्रित करती है। यह नौकरीपेशा लोगों से भिन्न उन लोगों को होम लोन देती है जिनके पास आय का कोई प्रमाण नहीं होता। एक तरह से होम लोन के असंगठित क्षेत्र को पकड़ना इसका काम है। स्वरोज़गार में लगे लोग इसका लक्ष्य हैं। और, आप जानते ही है कि देश की 51 फीसदी आबादी स्वरोज़गार पर निर्भर है।

गृह फाइनेंस को हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के रूप में नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) की मान्यता मिली हुई है। देश के सात राज्यों – गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व तमिलनाडु में उसके 120 दफ्तर हैं। एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख के अनुसार, गृह फाइनेंस देश के 89 जिलों के 757 तालुकों/ब्ल़ॉकों में ग्राहकों को अपनी सेवाएं दे रही है। उसने अब तक 1.75 लाख से ज्यादा परिवारों को अपना घर बनाने में मदद की है और इनका होम लोन औसतन 4.18 लाख रुपए का रहा है। कंपनी ने सितंबर 2011 तक दिए गए कुल 6503 करोड़ रुपए के ऋण का 40 फीसदी से ज्यादा हिस्सा 50,000 से कम आबादी वाले ग्रामीण इलाकों में दिया है।

कंपनी का बिजनेस मॉडल एकदम चौकस चल रहा है। बीते वित्त वर्ष 2010-11 में उसने 334.38 करोड़ रुपए की आमदनी पर 91.51 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था। चालू वित्त वर्ष 2011-12 की जून तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 28.84 फीसदी और सितंबर तिमाही में 27.41 फीसदी बढ़ा है। कंपनी निश्चित रूप से मजबूत धरातल पर खड़ी है। उसका इक्विटी या नेटवर्थ पर रिटर्न 31.42 फीसदी है। ग्रामीण इलाकों में सक्रियता के बावजूद उसका एनपीए या समय पर न लौटाए जानेवाले ऋण कुल वितरित का मात्र 0.81 फीसदी है।

कंपनी का ठीक पिछले बारह महीनों (टीटीएम) का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 28.5 रुपए है और उसका शेयर इस समय 19.77 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है जो यकीनन थोड़ा महंगा है। अगर यह 15-16 के स्तर पर आ जाए, यानी शेयर 450 रुपए के आसपास आ जाए तो इसमें निवेश किया जा सकता है। अभी इसके गिरने का इंतजार करना चाहिए। ध्यान दे कि यह शेयर फिलहाल अपने ऐतिहासिक शिखर से थोड़ा ही नीचे उतरा है।

कंपनी में 35 एफआईआई ने 13.98 फीसदी निवेश कर रखा है। वहीं आठ डीआईआई ने इसके 1.83 फीसदी शेयर ले रखे हैं। कंपनी के कुल शेयरधारकों की संख्या 14,345 है जिसमें से 13,337 यानी 92.9 फीसदी एक लाख से कम निवेश वाले छोटे निवेशक हैं जिनकी कुल हिस्सेदारी 11.99 फीसदी बनती है। कंपनी अपने शेयरधारकों को बराबर लाभांश देती रही है। बीते वित्त वर्ष के लिए उसने 10 रुपए पर 11 रुपए यानी 110 फीसदी का लाभांश दिया था।

1 Comment

  1. anil sir
    main aapka niyamit pathak hu.main fch(future capital holding) main niwesh ke liye soch raha hu.
    Kripya aap mujhe salah de.

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