इप्का लैब्स: दिलचस्पी तो बढ़ी है

इप्का लैब्स का शेयर इसी साल मार्च में स्प्लिट किया गया है और 10 रुपए अंकित मूल्य का शेयर अब 2 रुपए अंकित मूल्य के पांच शेयरों में बंट गया है। 23 मार्च 2010 को रिकॉर्ड तिथि थी। इसके पहले 19 मार्च को बीएसई में शेयर का भाव 1316 रुपए था। अगर इसे पांच से भाग दें तो 2 रुपए अंकित मूल्य पर उसका तत्कालीन भाव 263.20 रुपए निकलता है। इसके बाद 21 मई को यह 233 रुपए पर चला गया जो इसका 52 हफ्ते का न्यूनतम स्तर है। कल, मंगलवार को इसका बंद भाव बीएसई में 270.80 रुपए और एनएसई में 270.25 रुपए रहा है। इस तरह पिछले ढाई हफ्ते में यह शेयर करीब 16 फीसदी बढ़ चुका है।

अभी हाल यह है कि कल बीएसई में इसके 11.53 लाख शेयरों का रिकॉर्ड कारोबार हुआ है जबकि पिछले दो हफ्तों में इसमें रोजाना का औसत कारोबार 1.83 लाख शेयरों का रहता था। लेकिन इसमें करीब 10.53 लाख शेयर अकेले एक एफआईआई न्यू वर्ल्ड फंड ने 275.28 रुपए के भाव पर बेचे हैं। इसके बावजूद इसमें 0.28 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है। कल एनएसई में इसके कुल 13.75 लाख शेयरों का सौदा हुआ। जाहिर है, इसके शेयर में सक्रियता बढ़ी है और जानकारों के मुताबिक यह सक्रियता इसे बढ़त की राह पर आगे बढ़ा सकती है।

इप्का लैब्स अपनी आय का 52 फीसदी निर्यात से हासिल करती है। उसने वित्त वर्ष 2009-10 में 1152.74 करोड़ रुपए की आय पर 209.19 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है और उसका ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 16.75 रुपए है। इस हिसाब से उसका पी/ई अनुपात 16.17 निकलता है, जबकि इसी उद्योग की अन्य कंपनी रैनबैक्सी का पी/ई अनुपात अभी 24 के ऊपर चल रहा है। इप्का की इक्विटी में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 46.24 फीसदी, एफआईआई की 4.78 फीसदी और डीआईआई की हिस्सेदारी 30.35 फीसदी है। कंपनी में एचडीएफसी स्टैंडर्ड लाइफ (1.43 फीसदी), एचडीएफसी ट्रस्टी (8.22 फीसदी), आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल (2.39 फीसदी) और फ्रैंकलिन टेम्प्लेटन (1.23 फीसदी) ने इक्विटी ले रखी है। ऐसे में इप्का लैब्स में दूरगामी निवेश पर विचार किया जा सकता है।

बाकी का हाल यह है कि बाजार के लोगों का कहना है कि लक्ष्मी विलास बैंक पर नजर रखनी चाहिए। स्टाइलम में काफी बढ़त की गुंजाइश है। एफआईआई की खरीद लिस्ट में बीएचईएल, अरेवा, एल एंड टी और पुंज लॉयड शामिल हैं। यूनाइटेड स्पिरिट, टाटा पावर, मारुति, एसबीआई, सीमेंस और एसीसी में खरीद चालू है। गिलैंडर्स अभी 150 रुपए पर है। इसमें रिलायंस म्यूचुअल फंड और एचडीएफसी म्यूचुअल फंड बड़े पैमाने पर खरीद कर रहे हैं। जिसने पहले इसे खरीदा हो, वे बने रहें। शेयर लंबे समय में यकीनन फायदा देगा।

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