वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा नीतिगत कदमों का स्वागत करते हुए कहा है कि ये कदम सरकार की नीतियों के अनुकूल हैं और इससे महंगाई के दबाव से लड़ने में मदद मिलेगी। साथ ही बैंकों से बाजार में काम धंधे के लिए कर्ज भी सुलभ बना रहेगा।
रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति की तिमाही समीक्षा में अल्पकालिक ब्याज दरें 0.25 प्रतिशत बढा दी हैं। पर बैंकों पर लागू नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को पूर्ववत रखा। इस कदम से रिजर्व बैंक की रेपो दर (जिस ब्याज दर पर वह बैंकों को फौरी जरूरत के लिए धन देता है) 6 .5 फीसदी और रिवर्स रेपो दर (जिस ब्याज दर पर वह बैंकों से अल्पकालिक धन लेता है) 5.5 फीसदी हो गई है।
वित्त मंत्री ने राजधानी दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह मुद्रास्फीति के दबाव का मुकाबला करने का मजबूत संकेत है.. और यह सरकार की नीतियों के अनुकूल है। हम इसका स्वागत करते हैं।’’ मुखर्जी ने कहा कि रेपो और रिवर्स रेपो दरों को बढ़ाने और दोनों के बीच एक फीसदी का अंतर रखने का निर्णय ‘बिल्कुल सही फैसला है।’
उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक ने बैंकों की नकदी पर अपने नियंत्रण (सीआरआर) को नहीं बढ़ाया है और सांविधिक तरलता अनुपात (एसएलआर) में एक फीसदी की कमी व बैंकों के पास नकदी बढ़ाने की अन्य रियायतों की अवधि आठ अप्रैल तक बढ़ा दी है।