मुद्रास्फीति के काबू में आने के संकेत, वित्त मंत्री ने कहा: अभी और गिरेगी

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी महंगाई की दर में मामूली गिरावट से भी उत्साहित हैं। उन्होंने भरोसा जताया है कि आनेवाले महीनों में मुद्रास्फीति और नीचे आएगी। उनका मानना है कि खाद्यान्नों के स्टॉक में बढ़ोतरी और मैन्यूफैक्चर्ड वस्तुओं की लागत घटने से महंगाई और घटेगी।

मुखर्जी ने सोमवार को राजधानी दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, ‘‘अप्रैल में मैन्यूफैक्चर्ड वस्तुओं व खाद्य वस्तुओं, दोनों के दाम में गिरावट आई है। यह एक अच्छा रुख है। यदि यही रुख जारी रहता है तो महंगाई और नीचे आएगी।’’ आज जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर घटकर 8.66 फीसदी पर आ गई है।

संशोधित अनुमानों के अनुसार मार्च में मुद्रास्फीति की वास्तविक दर 9.04 फीसदी रही है, जबकि शुरुआती आंकड़ा 8.98 फीसदी का था। इसके अलावा, फरवरी का मुद्रास्फीति का आांकड़ा भी संशोधन के बाद शुरुआती अनुमान 8.31 फीसदी से बढ़कर 9.54 फीसदी तक पहुंच गया।

मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु ने हाल ही में कहा था कि अप्रैल में मुद्रास्फीति घटकर 8.5 से 8.6 फीसदी पर आ जाएगी और नवीनतम आंकड़ों से लगता है कि बसु का अनुमान काफी हद तक सही साबित हुआ। अप्रैल के लिए सकल मुद्रास्फीति के आंकड़े रिजर्व बैंक के 9 फीसदी के अनुमान से भी कम हैं। रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान मुद्रास्फीति 9 फीसदी के आसपास रहने का अनुमान व्यक्त किया है।

पेट्रोल की कीमतों में 5 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि के बारे में पूछे जाने पर वित्त मंत्री ने कहा कि पेट्रोल पर सरकार अपना नियंत्रण हटा चुकी है। अब तेल विपणन कंपनियों को ही कीमत वृद्धि के समय के बारे में तय करना होता है।

मुखर्जी ने कहा, ‘‘यह पेट्रोलियम कंपनियों पर है कि वे दाम कब बढ़ाती हैं। जब हमने इन्हें नियंत्रणमुक्त किया तो उस पर फैसला भी तेल विपणन कंपनियों पर छोड़ दिया।’’ जून, 2010 के बाद पेट्रोल के दामों में यह आठवीं वृद्धि की गई है। उस समय सरकार ने पेट्रोल कीमतों को नियंत्रणमुक्त कर दिया था। हालांकि, कीमतों में संशोधन पर कंपनियां पेट्रोलियम मंत्रालय से ‘अनौपचारिक’ तौर पर सलाह लेती हैं।

पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने जनवरी से कीमतों में वृद्धि नहीं की थी। लेकिन चुनाव के बीतते ही उन्होंने प्रति लीटर पेट्रोल के दाम 5 रुपए बढ़ा दिए जो एक बार में की गई अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि है।

इस बीच, देश में खाद्यान्न का भंडार एक अप्रैल, 2011 को बफर स्टॉक के तय मानक की तुलना में दोगुना होकर 4.41 करोड़ टन हो गया है। बता दें कि सकल मुद्रास्फीति में करीब 15 फीसदी योगदान करने वाली खाद्य मुद्रास्फीति 30 अप्रैल को समाप्त सप्ताह के दौरान 7.70 फीसदी रही है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार प्राथमिक वस्तुओं में शामिल खाद्य, गैर-खाद्य वस्तुओं और खनिज के दाम में सालाना आधार पर 12.05 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।

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