रिजर्व बैंक ने तय किया है कि बैंकों में खाता खोलने के लिए यूनीक आईडी अथॉरिटी (यूआईडीएआई) के ऐसे पत्र को वैध दस्तावेज माना जाएगा जिसमें व्यक्ति का नाम, पता और आधार संख्या का ब्यौरा दिया गया हो।
रिजर्व बैंक ने बैंकों के शीर्ष अधिकारियों के नाम बुधवार को भेजे गए एक सर्कुलर में कहा है कि यूआईडीएआई के ऐसे पत्र को केवाईसी (नो योर कस्टमर) मानकों को पूरा करने के लिए काफी माना जाएगा। उसने कहा है कि सरकार के साथ परामर्श के बाद यह निर्णय किया गया है कि यूआईडीएआई द्वारा जारी पत्र को बैंक खाता खोलने के लिए एक आधिकारिक वैध दस्तावेज के तौर पर स्वीकार किया जाएगा। हालांकि रिजर्व बैंक का कहना है कि बैंकों को केवाईसी मानकों के तहत ग्राहक के वर्तमान पते के बारे में खुद को अलग से भी संतुष्ट करना होगा।
इससे पहले, बैंक यूआईडीएआई के पत्र में उपलब्ध ब्यौरों के आधार पर केवल ‘छोटे खाते’ खोल सकते थे। छोटे खाते वे बचत खाते हैं जिनमें जमा रकम एक साल में एक लाख रुपए से अधिक नहीं होती और किसी भी समय बैलेंस रकम 50,000 रुपए से ज्यादा नहीं होती।