कित्ता खोखला है हमारा ये बाजार!

भयंकर उतार-चढ़ाव से भरे एक और हफ्ते का आखिरी दिन, शुक्रवार। बाजार गिरा जरूर है। लेकिन यह कहीं से भी काला शुक्रवार नहीं है। आज बाजार बंद होने के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज दिसंबर तिमाही के नतीजे घोषित करनेवाली है। सोमवार को यही नतीजे बाजार की दशा-दिशा तय करेंगे। वैसे, इस बार के डेरिवेटिव सेटलमेंट के खत्म होने या एक्सपाइरी में केवल तीन दिन बचे हैं, जबकि अभी तक महज 9000 करोड़ रुपए के रोलओवर हुए हैं। इससे तो यही लगता है कि या तो बाजार बंद होने जा रहा है या अचानक रोलओवर में भयंकर उछाल आएगा।

बाजार ओवरसोल्ड अवस्था में है। इन शॉर्ट सौदों में में बड़ी पैमाने पर कवरिंग निफ्टी के 5859 और 5950 तक पहुंचने से पहले होगी। इसलिए तब तक बाजार के गिरने का जोखिम और सटोरिया हरकतों से कमाई करने की गुंजाइश ज्यादा रहेगी। इन स्तरों के बाद महज शॉर्ट कवरिंग ही निफ्टी को पलक झपकते ही 6200 तक उठा ले जाएगी।

मेरे कुछ राजनीतिक सूत्रों ने बताया है कि आईएफसीआई को बैंक का लाइसेंस मिल गया है हालांकि सरकार ऑन-रिकॉर्ड यही कह रही है कि किसी सार्वजनिक उपक्रम को बैंकिंग लाइसेंस नहीं दिया जाएगा। लेकिन आप कभी नहीं जानते हैं कि रातोंरात चीजें कितनी तेजी से बदल जाती हैं। बाजार में निराशा छा गई थी कि निफ्टी 4700 तक चला जाएगा। अब 6000 की चर्चा है क्योंकि उनका कहना है कि शरद पवार को कृषि मंत्री रखते हुए खाद्य मंत्रालय से मुक्त कर देने से मुद्रास्फीति नीचे आ जाएगी। सरकार ने मंत्रिमंडल के ताजा फेरबदल से बाजार के रंगबाजों को परोक्ष चेतावनी दी है जिसे उन्होंने समझा भी है।

दोपहर दो बजे तक फरवरी निफ्टी में हुआ कारोबार मात्र 12 लाख का था, जबकि जनवरी निफ्टी का वोल्यूम 113 लाख का है। कितना खोखला है ये बाजार? इस समय सही-सलामत रहने का एक सूत्र है कि आप औकात से ज्यादा निवेश करने से बचें। आगे बढ़कर बड़े सौदों से परहेज करें। बाजार पर छाए इस गुबार को थोड़ा थमने दीजिए। तब जाकर आपको सब कुछ साफ-साफ नजर आ पाएगा।

आधे इधर जाओ। आधे उधर जाओ। बाकी मेरे पीछे आओ। बाजार इस समय शोले का असरानी बना हुआ है।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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