देखा है कभी नशे में धुत्त सांड!

मंत्रालयों के फेरबदल ने बाजार को कुछ संदेश दिए हैं। यह जानामाना सच है कि उद्योगपति मंत्रालय व मंत्रियों के साथ रिश्ते बना लेते हैं जिनकी बदौलत उन्हें सरकारी नीतियों के बारे में पहले से पता चल जाता है और इसका इस्तेमाल वे अपने धंधे में करते हैं। इसलिए मंत्रालय में मंत्री बदल जाने से कभी-कभी कंपनियों का नसीब भी इधर से उधर हो जाता है।

शरद पवार को कृषि मंत्री बनाए रखना सत्तारूढ़ पार्टी की राजनीतिक जरूरत हो सकती है। लेकिन उनसे खाद्य मंत्रालय के हटा लिए जाने से लगता है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दावे के अनुरूप अब मुद्रास्फीति नीचे आ जाएगी। वैसे, सरकार में इच्छाशक्ति हो तो सब कुछ संभव है। इसी तरह प्रधानमंत्री द्वारा संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के सामने पेश होने की पेशकश दर्शाती है कि राजनीतिक बवंडर अब आखिरकार थमने जा रहा है।

भारत का नकारात्मक पहलू अब सकारात्मक पहलू में बदल रहा है। शेयर बाजार ओवरसोल्ड स्थिति में है और मैंने सुना है कि एफआईआई से जुड़े ब्रोकिंग हाउसों के बीच निफ्टी में 5500 बनाम 6000 पर दांव लग रहे हैं। इस उहापोह के बीच सेंसेक्स आज 68.22 अंक बढ़कर 19,046.54 पर पहुंच गया तो निफ्टी भी 20.55 अंकों की बढ़त के साथ 5711.60 पर।

जहां तक बाजार में छाई भयंकर निराशा की बात है कि निफ्टी 5500 से 4700 तक जा सकता है तो अब केवल एक आशा बची है और वो है बेहद तेज वापसी की क्योंकि प्रधानमंत्री के बयान के बाद हालात रातोंरात बदल गए हैं। और, अगर ऐसा होता है तो आप बाजार से नशे में धुत्त सांड बन जाने की अपेक्षा कर सकते हैं यानी तब अंधाधुंध तेजी की आंधी आ सकती है।

धुरंधर निवेशक कुछ मसलों के चलते हिंदुस्तान जिंक से बाहर निकल रहे हैं। इसलिए बाकी दूसरे निवेशक भी इस स्टॉक के बारे में अपनी रणनीति पर पुनर्विचार कर सकते हैं।

क्यों डरें कि ज़िंदगी में क्या होगा, कुछ न होगा तो तर्जुबा होगा। इसलिए कभी पछताने का नहीं।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *