कमोडिटी एक्सचेंजों के लिए अच्छा रहा यह साल

कमोडिटी एक्सचेंजों के लिए 2011 का साल काफी अच्छा रहा है। अप्रैल 2003 में फिर से शुरू किए गए कमोडिटी या जिंस एक्सचेंजों का कारोबार हर महीने नई ऊंचाइयां छू रहा है। जिंस एक्सचेंजों के इस शानदार प्रदर्शन में सबसे ज्यादा योगदान सर्राफा कारोबार का रहा है।

इस साल सोने के भाव 2010 के 20,700 प्रति 10 ग्राम से बढ़कर 29,000 रुपए को पार कर गए। जिंस बाजार नियामक वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ 2011 के अंत तक जिंस एक्सचेंजों का कुल कारोबार 175 लाख करोड़ रुपए का हो जाने की उम्मीद है।’’

यह पिछले साल के 104 लाख करोड़ रुपए के कारोबार के मुकाबले 67 फीसदी अधिक है। अधिकारी ने बताया कि सोने और चांदी जैसे जिंसों की मांग में बढ़ोतरी से पांच राष्ट्रीय एक्सचेंजों सहित देश के सभी 23 एक्सचेंजों कारोबार तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस साल नवंबर तक देश के जिंस एक्सचेंजों में कुल 1,58,74,642 करोड़ रुपए का कारोबार हुए। जिंस एक्सचेंजों में होने वाले कारोबार में एमसीएक्स की हिस्सेदारी सर्वाधिक है।

इसके बाद सबसे अधिक कारोबार क्रमशः एनसीडीईएक्स, आईसीईएक्स, एनएमसीई और एसीई में होता है। न केवल जिंस एक्सचेंजों के कारोबार में बढ़ोतरी हुई है, बल्कि जिंसों में निवेश करने वाले कारोबारियों के लाभांश में भी शेयर बाजारों के मुकाबले अधिक वृद्धि हुई। इस बीच एमसीएक्स ने एक विज्ञप्ति में जानकारी दी है कि वह कारोबार के लिहाज से दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा कमोडिटी एक्सचेंज बन गया है।

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