अच्छा लाभ मिला निफ्टी ऑप्शंस में

जून महीने के डेरिवेटिव सौदों में निफ्टी ऑप्शन का शुक्रवार से गुरुवार तक का पहला चक्र कल पूरा हो गया। इस दौरान निफ्टी 4.68% बढ़ा है। 29 मई को निफ्टी 9580.30 पर बंद हुआ था, जबकि कल 4 जून को उसका बंद स्तर 10,029.10 का रहा है। आइए, देखते हैं कि हमने शुक्रवार के भावों के आधार पर निफ्टी ऑप्शंस में ट्रेडिंग के जो चार तरीके अपनाए थे, उनका अंततः क्या हश्र हुआ है।

बटरफ्लाई स्प्रेड: बटरफ्लाई स्प्रेड रणनीति कम वोलैटिलिटी होने पर ज्यादा कारगर होती है। फिर भी हमने ज्यादा वोलैटिलिटी की स्थिति होने के बावजूद इस पर अमल किया। इसके अंतर्गत हमने उस दिन निफ्टी के बंद भाव के सबसे नजदीकी स्तर 9600 को एटीएम (ऐट द मनी) स्ट्राइक मूल्य लिया था। हमने इससे 100 अंक ऊपर-नीचे यानी 9700 और 9500 स्ट्राइक मूल्य के कॉल ऑप्शन के एक-एक लॉट खरीदे थे। 29 मई को निफ्टी में 4 जून की एक्सपायरी वाले 9700 स्ट्राइक मूल्य के कॉल ऑप्शन का अंतिम भाव 42.30 रुपए और 9500 के स्ट्राइक मूल्य के कॉल ऑप्शन का अंतिम भाव 115 रुपए रहा है। इसलिए इनका एक-एक लॉट खरीदने के लिए हमें कुल (42.30 + 115) x 75 = 11,797.50 रुपए का प्रीमियम देना पड़ा था।

इस रणनीति में इसके साथ ही 9600 स्ट्राइक मूल्य के दो कॉल ऑप्शन बेचे थे। इस कॉल ऑप्शन का भाव उस दिन 72 रुपए रहा था तो ऐसे ऑप्शन के दो लॉट बेचने पर हमें 10,800 रुपए बतौर प्रीमियम मिले थे। इस तरह इस रणनीति के अमल पर हमारी शुद्ध लागत (11,797.50 – 10,800) = 997.50 रुपए आई थी। देखते है कि इस पूरी रणनीति के लाभ-हानि की क्या स्थिति रही।

कल 9700 स्ट्राइक मूल्य का कॉल ऑप्शन 326.10 रुपए और 9500 स्ट्राइक मूल्य का कॉल ऑप्शन 535 रुपए पर बंद हुआ है तो इनके एक-एक लॉट पर हमें 64,582.50 रुपए मिल गए। इसमें से दिया गया 11,797.50 रुपए का प्रीमियम घटा दें तो हमारा लाभ 52,785 रुपए का हुआ। लेकिन साथ में हमने 9600 रुपए स्ट्राइक मूल्य के कॉल ऑप्शन के दो लॉट बेचे थे। इस कॉल ऑप्शन का भाव कल 450 रुपए रहा है तो हमें 67,500 रुपए ऑप्शन खरीदार को देने पड़े। इसमें से 10,800 रुपए का मिला हुआ प्रीमियम घटा दें तो हमें 56,700 रुपए का घाटा लगा।

कुल मिलाकर इस बार बटरफ्लाई रणनीति अपनाने पर हमें 56,700 – 52,786 = 3914 रुपए का शुद्ध घाटा लगा। लेकिन अगर हमने एटीएम क़ॉल ऑप्शन के दो लॉट न बेचे होते तो हमें 52,785 रुपए का फायदा हो गया होता। सबक यह है कि ज्यादा वोलैटिलिटी में यह रणनीति कारगर नहीं होती और अगर सारा ट्रेन्ड बढ़ने का दिख रहा हो तो इस रणनीति में संशोधन कर हमें एटीएम कॉल ऑप्शन नहीं बेचने चाहिए।

स्ट्रैडल: स्ट्रैडल रणनीति ज्यादा वोलैटिलिटी की स्थिति में काम आती है। इस रणनीति के अंतर्गत हमने एक ऐट द मनी (एटीएम) कॉल ऑप्शन और एक एटीएम पुट ऑप्शन भी खरीदा। तब 9600 स्ट्राइक मूल्य के कॉल का भाव 72 रुपए और पुट ऑप्शन का भाव 188.10 रुपए था। इनका एक-एक लॉट खरीदने पर हमें कुल (72 + 188.10) x 75 = 19,507.50 रुपए का प्रीमियम देना पड़ा था।

कल 9600 स्ट्राइक मूल्य के कॉल ऑप्शन का भाव 450 रुपए रहा है तो एक लॉट पर हमें 33,750 रुपए मिल गए। इसमें से 5400 रुपए का प्रीमियम घटा दें तो हमारा लाभ 28,350 रुपए का हुआ। लेकिन 9600 स्ट्राइक मूल्य वाला पुट ऑप्शन निफ्टी के बंद स्तर से काफी कम है तो वह आउट ऑफ द मनी (ओटीएम) हो गया। इसलिए हमारा सारा का सारा 14,107.50 रुपए का प्रीमियम डूब गया। फिर भी इस समग्र रणनीति पर हमारा शुद्ध लाभ 14,242.50 रुपए का रहा। पांच दिन में 19705.50 रुपए पर 14,242.50 का शुद्ध लाभ यानी 72.28% का रिटर्न।

स्ट्रैंगल: स्ट्रैंगल रणनीति के अंतर्गत हमने एक ओटीएम कॉल ऑप्शन (स्ट्राइक मूल्य बाज़ार मूल्य से ज्यादा) और एक ओटीएम पुट ऑप्शन (स्ट्राइक मूल्य, बाज़ार मूल्य से कम) खरीदा था। तब 4 जून की एक्सपायरी वाला 9700 स्ट्राइक मूल्य के कॉल ऑप्शन का भाव 42.30 रुपए और 9500 रुपए स्ट्राइक मूल्य का पुट ऑप्शन का भाव 136.05 रुपए था। इस तरह हमें कॉल और पुट ऑप्शन के एक-एक लॉट के लिए कुल (42.30 + 136.05) x 75 = 13,376.25 रुपए का प्रीमियम दिया था।

कल 9700 के स्ट्राइक मूल्य के कॉल ऑप्शन का भाव 326.10 रुपए रहा है तो इसके एक लॉट पर हमें 24,457.50 रुपए मिल गए। इससे अगर 42.30 x 75 = 3172.50 रुपए का प्रीमियम घटा दें तो हमारा लाभ 21,285 रुपए का रहा। लेकिन साथ ही 9500 स्ट्राइक मूल्य का पुट ऑप्शन ओटीएम हो गया तो उसका 10,203.75 रुपए का प्रीमियम डूब गया। इसलिए इस रणनीति पर हमारा शुद्ध लाभ 11,081.25 रुपए का रहा। 13,376.25 रुपए लगाने पर 11,081.25 रुपए का फायदा यानी 82.84% का रिटर्न।

अब चौथे सौदे की बात जो हमने यू ही बिना किसी रणनीति के बाज़ार बढ़ने के अनुमान के साथ कर लिया था। हमने 9500 स्ट्राइक मूल्य के निफ्टी कॉल ऑप्शन का एक लॉट खरीदा था। उस दिन 29 मई, शुक्रवार को उसका भाव 115 रुपए था तो एक लॉट के लिए हमें 115 x 75 = 8625 रुपए का प्रीमियम देना पड़ा। इस स्ट्राइक मूल्य के कॉल ऑप्शन का अंतिम भाव कल 535 रुपए रहा है तो हमें एक लॉट पर 535 x 75 = 40,125 रुपए मिल गए। दिया गया प्रीमियम घटा दें तो 31,500 रुपए का शुद्ध लाभ। यानी, पांच दिन में 265.22% का रिटर्न।

ऊपर के चारों सौदों को मिला दें तो हमारी कुल लागत 42,006.25 रुपए आई है, जबकि इनका सम्मिलित शुद्ध लाभ 52,909.75 रुपए का फायदा यानी 125.96% का रिटर्न। बात साफ है कि निफ्टी ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए अगर हम 50,000 रुपए अलग से निकालकर रख सकें तो इसके सौदों में जबरदस्त फायदा है।

गौरतलब है कि उक्त रणनीतियों में अगर हम बाज़ार के बढ़ने की धारणा पर अडिग रहते और बटरफ्लाई रणनीति में एटीएम कॉल ऑप्शन के दो लॉट न बेचते तो हमारा शुद्ध लाभ एक लाख रुपए के पार चला गया होता, वह भी मात्र पांच दिन में।

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