पेट्रोल के दाम बढाने के बाद सरकार अब अगले महीने डीजल, रसोई गैस और मिट्टी तेल के दाम में भी संशोधन का फैसला कर सकती है। इस बारे में निर्णय लेने के लिए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता में गठित मंत्रियों के अधिकार-प्राप्त समूह की बैठक अगले महीने की नौ तारीख को होगी।
पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय के एक उच्च अधिकारी ने गुरुवार को दिल्ली में कहा ‘‘प्राधिकृत मंत्री समूह की बैठक 9 जून को होनी है।’’ अधिकारी ने कहा ‘‘डीजल, एलपीजी रसोई गैस और राशन की दुकानों से बिकने वाले मिट्टी के तेल बढ़ने तय हैं। मंत्री समूह को केवल यह तय करना है कि इसमें कितनी वृद्धि की जाए।’’
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम पिछले ढाई वर्ष के शीर्ष स्तर पर पहुंच जाने के बाद पेट्रोलियम पदार्थों की लागत काफी बढ़ गई है। तेल कंपनियों ने इस महीने के पहले पखवाड़े में ही पेट्रोल के दाम 5 रुपए लीटर बढाए हैं। अटकलें हैं कि डीजल के दाम में चार रुपए प्रति लीटर की वृद्धि की जा सकती है। वहीं, रसोई गैस सिलेंडर के दाम में कम से कम 20 से 25 रुपए की वृद्धि की जा सकती है।
अधिकारी ने कहा ‘‘इस बार मूल्यवृद्धि से बचना मुश्किल है। कोई भी उत्पाद इससे अछूता नहीं रह सकता है।’’ उनका कहना था कि कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को डीजल, घरेलू रसोई गैस और राशन के मिट्टी तेल की बिक्री पर रोजाना 500 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। यह स्थिति लंबे समय तक नहीं चल सकती है।
सूत्रों के अनुसार तेल कंपनियों को डीजल के मौजूदा खुदरा बिक्री मूल्य पर 16.49 रुपए लीटर, मिट्टी तेल पर 29.69 रुपए लीटर और रसोई गैस पर 329.73 रुपए प्रति सिलेंडर का नुकसान हो रहा है। बता दें कि पेट्रोलियम पदार्थों की मूल्य समीक्षा के लिए मंत्री समूह की बैठक इससे पहले 11 मई को होनी निश्चित हुई थी लेकिन नहीं हो सकी।