राम भरोसे कब तक!

मां-बाप की छत्रछाया से निकलने के बाद ही बच्चा जीवन के असली सबक सीख पाता है। इसी तरह राम भरोसे रहने पर हम पूरी तरह खुल नहीं पाते। भगवान का सहारा हमारे मानुष जन्म को अधूरा रख छोड़ता है।

1 Comment

  1. स्वतन्त्र मानसिकता विकास देती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *