वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने माना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और अन्य जिंसों की कीमतों में तेजी से देश पर महंगाई का दबाव बढ़ सकता है। मंगलवार को राजधानी दिल्ली में उद्योग संगठन फिक्की की 83वीं सालाना आमसभा को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा, ‘‘दुनिया के बाजार में जिंसों की कीमतों से देश में महंगाई पर दबाव पड़ने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।’’
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और अन्य जिंसों के दामों में तेजी एक सच्चाई है। मुखर्जी ने कहा, ‘‘हम पहले ही स्थिति से निपटने की कोशिश कर रहे हैं।’’ प्रणव मुखर्जी का यह बयान आम बजट पेश किए जाने के बाद आया है जिसमें उन्होंने आर्थिक वृद्धि दर करीब 9 फीसदी पर पहुंचने का अनुमान पेश किया है। चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 8.6 फीसदी रहने का अनुमान है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चल रही हैं और लीबिया व अन्य पश्चिम एशियाई देशों में संकट गहराने से कीमतें और बढ़ सकती हैं। मुखर्जी ने कहा, ‘‘सरकार और रिजर्व बैंक के सामने स्थायित्व से बिना समझौता किए सुधार प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की चुनौती है। यह काम आसान नहीं है, लेकिन हम प्रगति कर रहे हैं।’’ उल्लेखनीय है कि महंगाई पर काबू पाने के लिए रिजर्व बैंक मार्च, 2010 से सात बार नीतिगत दरें (रेपो और रिवर्स रेपो दरें) बढ़ा चुका है।
वित्त मंत्री ने कहा कि घरेलू मांग को पूरा करने के लिए कृषि क्षेत्र में आपूर्ति बढ़ाने और निजी व सार्वजनिक क्षेत्र द्वारा कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की जरूरत है।