जर्मनी में परमाणु बिजली संयंत्र 2022 तक खत्म

एक तरफ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी भारत में वर्ष 2032 तक 63,000 मेगावॉट बिजली परमाणु संयंत्रों से बनाने का नारा लगा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ जर्मनी ने ऐलान किया है कि वह वर्ष 2022 तक अपने सारे परमाणु बिजली संयंत्र बंद कर देगा। जर्मनी यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। जापान में भूकंप व सुनामी के बाद हुए परमाणु हादसे के बाद किसी औद्योगिक शक्ति द्वारा पहली बार ऐसा कठोर फैसला लिया गया है।

जर्मनी में एंजेला मेरकेल की गठबंधन सरकार ने सात घंटे तक चली वार्ता के बाद सोमवार को सुबह इस फैसले की घोषणा की। मेरकेल ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, “हम भविष्य की बिजली को सुरक्षित, भरोसेमंद और आर्थिक रूप से व्यवहार्य देखना चाहते हैं। जापान के घटनाओं ने हमें दिखला दिया है कि जो करीब-करीब असंभव दिखता है, वह भी किसी दिन हो सकता है।”

जर्मनी में कुल 17 परमाणु बिजली संयंत्र हैं। इनमें से आठ को बंद किया जा चुका है, जबकि छह को 2021 तक बंद कर दिया जाएगा और बाकी तीन को 2022 में। जर्मनी में परमाणु कचरे को निपटाने की भी समस्या रही है, जिसको लेकर वहां के पर्यावरणवादी दल काफी हंगामा करते रहे हैं। जर्मनी अपनी 23 फीसदी बिजली की मांग परमाणु बिजली से पूरा करता है।

एंजेला मेरकेल कल, मंगलवार 31 मई को ही एक दिन के भारत दौरे पर आ रही हैं। उनके साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिंमंडल भी आ रहा है।

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