गैमन इंडिया का शेयर (बीएसई – 509550, एनएसई – GAMMONIND) तीन हफ्ते पहले 29 नवंबर को 150.55 रुपए का न्यूनतम स्तर छूने के बाद उठता जा रहा है। यह 2 दिसंबर को ऊपर में 187 रुपए तक जा चुका है। हालांकि कल यह पिछले भाव से 0.56 फीसदी गिरकर 170 रुपए पर बंद हुआ है। लेकिन यकीन मानिए, इस कंपनी में दम है और इसका शेयर 52 हफ्ते के अपने उच्चतम स्तर 276 रुपए (20 जनवरी 2010) को फिर से छू सकता है।
कंपनी ने पिछले ही हफ्ते डोम्बिवली (महाराष्ट्र) में पाल-प्यूजो का 135 एकड़ का प्लॉट 601 करोड़ रुपए में खरीदा है। उसने बॉम्बे हाई कोर्ट के रिसीवर की तरफ से की गई नीलामी में मात्र एक करोड़ रुपए की ज्यादा बोली लगाकर यह प्लॉट हासिल किया है। प्लॉट के लिए दूसरे नंबर की 600 करोड़ की बोली नेप्च्यून ग्रुप ने लगाई थी। इस मूल्य पर गैमन इंडिया को यह जमीन 1022 रुपए प्रति वर्गफुट की दर में पड़ी है जबकि डोम्बिवली इलाके में मौजूदा दाम 3200-4000 रुपए प्रति वर्गफुट का चल रहा है। जाहिर है कंपनी को इसका फायदा मिलेगा। इसी सितंबर माह में उसे नगाई बिजली संयंत्र में स्टीम टरबाइन व बॉयलर लगाने के लिए 310 करोड़ रुपए का ऑर्डर मिला है।
अभी की स्थिति की बात करें तो कंपनी का ठीक पिछले बारह महीनों (टीटीएम) का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 8.64 रुपए है और उसका शेयर 19.68 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है, जबकि उसकी बुक वैल्यू 135.41 रुपए है। इस तरह शेयर का भाव इस समय बुक वैल्यू का मात्र 1.25 गुना है। अगर इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी तीन कंपनियों – पुंज लॉयड, एचसीसी और आईवीआरसीएल से तुलना करें तो उद्यम मूल्य व सकल लाभ के अनुपात और ईपीएस के मामले में सबसे बेहतर स्थिति गैमन इंडिया की निकलती है।
कंपनी ने सितंबर 2010 की तिमाही में 1180.66 करोड़ रुपए की आय पर 24.01 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था, जबकि साल भर पहले की इसी तिमाही में उसकी आय 943.94 करोड़ रुपए व शुद्ध लाभ 44.09 करोड़ रुपए था। आय बढ़ने के बावजूद लाभ में कभी की वजह कच्चे माल से लेकर कर्मचारी लागत का बढ़ना है। लेकिन कंपनी लागत घटाने के उपाय अपनाने में जुटी है। पूरे वित्त वर्ष 2009-10 में उसने 4485.10 करोड़ रुपए की आय पर 125.72 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हासिल किया था।
कंस्ट्रक्शन और इंजीनियरिंग क्षेत्र में इस कंपनी का बड़ा नाम व साख है। बहुत पुरानी अंग्रेजों के जमाने की कंपनी है। इसकी स्थापना एक सिविल इंजीनियर जॉन सी गैमन ने की थी, जिनको गेटवे ऑफ इंडिया का आरसीसी फाउंडेशन बनाने का श्रेय जाता है। यह एल एंड टी की तरह प्रोफेशनली मैनेज्ड कंपनी है। इसकी इक्विटी 25.49 करोड़ रुपए है जो दो रुपए अंकित मूल्य के शेयरों में विभाजित है।
कंपनी की कुल इक्विटी का 71.96 फीसदी हिस्सा पब्लिक शेयरधारिता का है, जबकि प्रवर्तकों के पास बाकी 28.04 फीसदी शेयर हैं। प्रवर्तकों में दो बड़े नाम पैसिफिक एनर्जी प्रा. लिमिटेड और फर्स्ट एशियन कैपिटल रिसोर्सेज प्रा. लिमिटेड हैं जिनमें पास कंपनी के क्रमशः 12.69 फीसदी और 5.30 फीसदी शेयर हैं। इसके अलावा देवयानी एस्टेट डेवलपर्स के पास इसके 4.12 फीसदी और निखिता एस्टेट डेवलपर्स के पास 2.72 फीसदी शेयर हैं। कंपनी के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक अभिजित राजन हैं जिनके पास उसके 0.79 फीसदी शेयर हैं। एफआईआई के पास कपनी के 23.96 फीसदी और डीआईआई के पास 17.28 फीसदी शेयर हैं। रिलायंस म्यूचुअल फंड, मॉरगन स्टैनले, बिड़ला सनलाइफ इंश्योरेंस, एचएसबीसी ग्लोबल और वॉरहोल लिमिटेड ने इसमें पब्लिक के हिस्से के तहत बड़ा निवेश कर रखा है।
गैमन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स भी गैमन इंडिया से जुड़ी कंपनी है जो इसने खासतौर पर पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) परियोजनाओं के लिए अलग से बनाई है। कुल मिलाकर जिस किसी को भी भारत की विकासागाथा में यकीन है, उसे अहसास होगा कि इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र का व्यापक योगदान होना है। इसलिए गैमन इंडिया जैसी कंपनियां लगातार बढ़ेंगी, इसमें किसी शक की गुंजाइश नहीं। लंबे निवेश की सोच रखनेवाले लोग इसे अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर सकते हैं।
बाकी चर्चा-ए-खास यह है कि बालासोर एलॉयज भी इस्पात समूह से जुड़ी कंपनी है। सूत्रों का कहना है कि इस्पात इंडस्ट्रीज की 45 फीसदी इक्विटी जेएसडब्लू स्टील को बेचने से मिले 2157 करोड़ रुपए में से कर्ज उतारने के बाद बचा हिस्सा कंपनी के प्रवर्तक प्रमोद मित्तल बालासोर में लगानेवाले हैं। इसलिए बालासोर एलॉयज पर नजर रखिए। यह तेजी से बढ़ सकता है। कल यह 2.60 फीसदी बढ़कर 27.60 रुपए पर बंद हुआ है।