सरकार ने कोल इंडिया और हिंदुस्तान कॉपर के शेयर बेचने का फैसला टाला

केंद्रीय कैबिनेट ने कोल इंडिया और हिंदुस्तान कॉपर के विनिवेश का फैसला टाल लिया है। इसकी मुख्य वजह राजनीतिक सहमति न बन पाना बताया जा रहा है। खासकर, रेल मंत्री ममता बनर्जी कोल इंडिया के विनिवेश का विरोध कर रही हैं। गुरुवार को कैबिनेट की बैठक के बाद खान मंत्री बी के हांडिक ने मीडिया को यह जानकारी दी। लेकिन उन्होंने विनिवेश का फैसला टालने की कोई वजह अपनी तरफ से नहीं बताई।

बता दें कि जहां कोल इंडिया पहली बार पूंजी बाजार में उतरेगी, वहीं हिंदुस्तान कॉपर के शेयर पहले से शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हैं। सरकार का इरादा कोल इंडिया के 10 फीसदी शेयर आईपीओ (शुरुआती पब्लिक ऑफर) के जरिए बेचने का है, जबकि हिंदुस्तान कॉपर में एफपीओ (फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर) के 20 फीसदी शेयर बेचने की योजना है। इसमें में 10 फीसदी शेयर नए जारी किए जाएंगे और 10 फीसदी पुराने शेयर बेचे जाएंगे। कैबिनेट के फैसला टाल देने में दोनों के विनिवेश पर थोड़ी देर के लिए अऩिश्चितता छा गई है। वैसे, दोनों ही कंपनियों का ऑफर सितंबर में आने की संभावना है और इस सिलसिले में कंपनियों की तरफ से बाकायदा लीड मैनेजर वगैरह चुनने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

असल में ममला बनर्जी पश्चिम बंगाल के निकाय चुनावों में भारी सफलता के बाद काफी ताकतवर हो गई हैं और उनके विरोध के चलते ही कोल इंडिया और हिंदुस्तान कॉपर के विनिवेश का फैसला टाला गया है। लेकिन कोल इंडिया का आईपीओ देर-सबेर आना ही है क्योंकि उसे अक्टूबर 2008 में नवरत्न कंपनी का दर्जा मिला था और इसके तीन साल के भीतर यानी सितंबर 2011 तक उसे अपने शेयरों को हर हाल में स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्ट करा लेना होगा। साथ ही कंपनी को अपने शेयरों का एक हिस्सा कर्मचारियों और खानों के लिए जमीन देनेवाले परिवारों के लिए आरक्षित रखना होगा।

कोल इंडिया के आईपीओ से सरकार का इरादा करीब 10,000 करोड़ रुपए जुटाने का है, जबकि हिंदुस्तान कॉपर के एफपीओ से करीब 4000 करोड़ जुटाए जाने हैं। चालू वित्त वर्ष में विनिवेश का कुल लक्ष्य 40,000 करोड़ रुपए का है।

कैबिनेट ने आज पेट्रोल व डीजल पर मूल्य नियंत्रण हटाने के बाबत भी कोई फैसला नहीं किया। असल में इसका फैसला तो वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के अध्यक्षता वाले मंत्रियों के समूह को करना है। लेकिन पिछले हफ्ते ममता बनर्जी व शरद पवार जैसे मंत्रियों की गैरहाजिरी से कोरम नहीं पूरा हुआ और फैसला नहीं हो सका। इसके बाद वित्त मंत्री ने मंगलवार को मुंबई में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि गुरुवार की बैठक में मंत्रियों के समूह की बैठक की अगली तारीख तय हो जाएगी। लेकिन ऐसी कोई भी तारीख नहीं तय हो सकी है। सूचना व प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी के मुताबिक कैबिनेट में यह मुद्दा आया ही नहीं।

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