तेजड़िए भगवान, मंदड़िए छौने

इस समय छह से आठ ऑपरेटरों व एफआईआई के 1.25 करोड़ से ज्यादा निफ्टी के शॉर्ट सौदे फंसे पड़े हैं जो उन्होंने 5400 के स्तर के बाद से किए हैं। इन्हें वे काट ही नहीं पा रहे। काटने जाते हैं तो निफ्टी और बढ़ जाता है। यह स्थिति निफ्टी को नीचे नहीं आने दे रही। हर मंदड़िया भगवान से दुआ कर रहा है कि निफ्टी में कमजोरी आ जाए। लेकिन अभी तो तेजड़िए ही भगवान बने हुए हैं और मंदड़ियों को उन्होंने हिरन का छौना जैसा बनाकर रख छोड़ा है। वे इसी सेटलमेंट में निफ्टी को 6200 के ऊपर ले जाना चाहते हैं।

दूसरी तरफ मंदड़ियों ने अलग-अलग स्टॉक्स में खरीद कर रखी है। पर तेजड़िए स्टॉक्स को बढ़ने नहीं दे रहे, खासकर किनारे पड़े शेयरों को। जैसे ही सेटलमेंट खत्म होगा, किनारे पड़े स्टॉक्स बढ़ने लगेंगे और निफ्टी नीचे आएगा क्योंकि मंदड़िए न तो स्टॉक्स और न ही निफ्टी को रोल करके आगे ले जाएंगे। वे तो सारा अंतर कैश में सेटल कर लेंगे। इस तरह उन्हें, बीएसई सेंसेक्स के आधार पर बात करें तो 2000 अंकों का अंतर चुकाना पड़ेगा जिसका मतलब होगा कि वे सेंसेक्स में वापस 14,700 के उस स्तर पर पहुंच जाएंगे जो मई 2009 में यूपीए को बहुमत मिलने के बाद ऊपर सर्किट लगने पर बना था। इस नुकसान की भरपाई के लिए मंदड़ियों को अब 26,000 अंक तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। इसलिए सेंसेक्स के 26,000 तक पहुंचने के पूरे आसार नजर आने लगे हैं।

इस बीच आपको बता दूं कि हम अपन स्रोतों और रिसर्च पर आधारित तमाम ऐसी खबरें प्रकाशित करते हैं जिन्हे बाद में मीडिया व अखबार अपनी रिसर्च बताकर पेश करते हैं। ऐसी कम से कम 100 खबरें मीडिया में फ्लैश की गई हैं चाहे वो पीएसयू की खबर हो या हीरो होंडा, आईएफसीआई, आईडीबीआई, मारुति, जिंदल एसडब्ल्यू, इस्पात, एस्सार, टाटा स्टील, बॉम्बे डाईंग वगैरह से जुडी तमाम दूसरी खबरें हों। हम खबरों और रिसर्च के मेल के बारे में मीडिया से भी आगे हैं और इक्रा व क्रिसिल जैसी रिसर्च एजेंसियों से भी।

लोगों को हमारी कीमत उस समय समझ में आएगी जब हम आनेवाले सालों में निफ्टी को 10,000 अंकों के ऊपर ले जाएंगे। इसलिए अगर आप भरोसा और विश्वास रखें तो आपको मनचाहे नतीजे मिल सकते हैं। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि आप हम पर भरोसा ही करें। आखिरकार पैसा आपका है, फैसला आपका है और धारणा भी आपकी है। इन्हीं के आधार पर आपको फल मिलेगा। जब मैंने टाटा स्टील में 478 रुपए पर खरीदने की सलाह ही थी और वो 455 रुपए तक गिर गया था तो किसी ने मुझे लताड़ते हुए मेल भेजा था। अब वही टाटा स्टील 650 रुपए पर है। इसमें नुकसान किसका हुआ? मुझ पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन उन महाशय की सोचिए। भगवान उन्हें ताकत और हौसला दे।

जो अपने जीवन को आसान और सुनहरा बनाने चाहते हैं उन्हें त्रिवेणी ग्लास और विंडसर दो साल के लिए खरीद लेना चाहिए और देखना चाहिए कि ये दस गुना बढ़ते हैं या नहीं। अभी के स्तरों पर इन शेयरों को देखने के बाद ही आप कह पाएंगे कि चक्री यहां भी वीआईपी की तरह सही निकला है। जब मैंने आईडीबीआई बैंक के बारे में अच्छा-अच्छा लिखा था तो ज्यादातर लोगों ने मेरी सलाह ठुकरा दी थी। आज बहुतों के पास आईडीबीआई बैंक के शेयर नहीं हैं और यह अब धीरे-धीरे मेरे लक्ष्य तक पहुंच रहा है। 180 रुपए अब कहां ज्यादा दूर है! इसके बाद मैं आपको दिखाऊंगा कि यह कैसे 700 रुपए बनता है। ब्रशमैन (बीएसई कोड – 590061) का स्टॉक बहुत-बहुत मजबूत हाथों में जा रहा है। अभी इस स्टॉक पर अंकुश लगा हुआ है क्योंकि ऑपरेटर नहीं चाहता कि इसमें ऐसा कुछ हो जिससे यह सोमवार को ट्रेड टू ट्रेड श्रेणी में डाल दिया जाए।

ऊर्जा और निरंतरता ऐसी चीजें हैं जिनके दम पर सफलता की हर मंजिल हासिल की सकती है।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ हैलेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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