जुनून ऐसा कि हर चिंता दरकिनार

बाजार पर तेजी का जुनून इस कदर सवार है कि कच्चे तेल के बढ़ते दाम, मुद्रास्फीति और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को डाउनग्रेड किया जाना भी उसे रोक नहीं पा रहा। आज लगता है कि वे ट्रेडर व निवेशक कितने बौड़म थे जो सेंसेक्स के 17,000 के स्तर पर कच्चे तेल, मुद्रास्फीति और वैश्विक चिंताओं का भय दिखाकर हमें समझा रहे थे कि यह 14,000 तक गिर जाएगा। ऐसा न कभी होना था, न ही हुआ क्योंकि लाभार्जन के पैमाने पर हम 19,000 अंक पर भी बेहतर स्थिति में थे।

लेकिन इस बात को कहां कोई समझता है? कितने ट्रेडर हैं जो जानते हैं कि एनालिस्ट क्या सोच रहे हैं? वे तो बस इतना जानते हैं कि माल कहां से मिलेगा। माल लाओ उनका नारा होता है। बाजार चलानेवाले जो चाहते थे, वह हो चुका है। अब मुझे कोई अचंभा नहीं होगा जो सेंसेक्स जुलाई अंत तक 21,000 न पहुंच जाए। फिर भी आपको फायदा नहीं होनेवाला। बेहतर होता कि आप तेल और मुद्रास्फीति से हमारी सरकार व राजनेताओं को निपटने देते और खुद लाभार्जन की स्थिति देखकर बाजार में गिरे हुए स्तरों पर निवेश करते। लेकिन आप तो बाजार के कन्नी काटे रहे।

हमने वीआईपी इंडस्ट्रीज के 35 रुपए रहने पर अपनी रिपोर्ट निकाली थी। लेकिन कोई इस स्टॉक को खरीदने को तैयार नहीं था। आरजे (राकेश झुनझुनवाला) ने खुद माना है कि उन्होंने इसे 95 रुपए पर खरीदा। आज जब यह स्टॉक 800 रुपए पर है और बुक वैल्यू से 12 गुने भाव पर ट्रेड हो रहा है, तब सुनने में आ रहा है कि वे कंपनी के निदेशक बोर्ड में शामिल होने जा रहे हैं। हमें समझना चाहिए कि यह निकलने का रास्ता हो सकता है। बुक वैल्यू के 12 गुने भाव पर स्टॉक को खरीदने के बजाय आप उसे तब क्यों नहीं खरीद सकते, जब वह बुक वैल्यू के एक या डेढ़ गुने भाव पर ट्रेड हो रहा था?

इस लिहाज से विंडसर मशींस सुरक्षित बाजी है। इसका पी/ई अनुपात मात्र 3 चल रहा है। अगर वीआईपी इंडस्ट्रीज कंपनी के कायाकल्प के बाद उसमें अपनी 17.49 फीसदी हिस्सेदारी वापस डीजीपी विंडसर को बेच देती है तो यह एक ऐसी बहुराष्ट्रीय कंपनी हो जाएगी जिसका शेयर महज 3 के पी/ई पर ट्रेड हो रहा होगा। वैसे, टर्न-एकाउंड या कायाकल्प कर देने के बाद उसे बहुराष्ट्रीय कंपनी को बेच देने का कोई तुक नहीं है। कहीं न कहीं कुछ गड़बड़झाला है। इसलिए स्पष्टता आने का इंतजार करें।

किसी भी सूरत में यह स्टॉक वीआईपी के कम से कम दस गुना बेहतर है। वीआईपी के धंधे में ताईवान, चीन व कोरिया से भारी प्रतिस्पर्धा है, जबकि विंडसर के सेगमेंट में केवल जापान व जर्मनी से खतरा था। जापान के भयंकर भूकंप के शिकार हो जाने से प्लास्टिक की मशीनों की मांग भारत से निकलेगी। कारों को कंपोनेंट की जरूरत होती है और कंपोनेंट को मशीन की दरकार है। अगर आपको यह सीधी-सी बात समझ में आती है तो आपको भी मेरी तरह यकीन हो जाएगा कि विंडसर तीन सालों में 500 रुपए से 1000 रुपए का मूल्य हासिल कर सकता है। हमने इस हीरे को 18 रुपए पर पकड़ा था। आज ही यह 15.17 फीसदी बढ़कर 90.35 रुपए पर पहुंचा है।

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा को आयकर विभाग से कुछ रिफंड मिला है। लेकिन इससे कम से कम एसबीआई के मूल्यांकन पर असर पड़ना चाहिए। रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के बारे में बाजार को 5600 करोड़ से 5800 करोड़ रुपए के शुद्ध लाभ की उम्मीद थी, जबकि ब्लूमबर्ग का अनुमान 5430 करोड़ और हमारा अनुमान 5422 करोड़ रुपए का था। वास्तविक आंकड़ा 5376 करोड़ रुपए का रहा है, जो बाजार की उम्मीदों से काफी कम है।

कच्चा तेल 125 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच चुका है। इसलिए मुझे नहीं लगता कि आज पोजिशंस बचाकर रखनी चाहिए थी क्योंकि अगले तीन दिनों तक बाजार में फिर छुट्टी है। अगर डाउ जोंस आज और कल में गिरावट आती है तो भारतीय बाजार (निफ्टी) सोमवार को 5800 पर खुल सकता है। इसलिए औकात से ज्यादा पोजिशन लेनावलों को नुकसान होगा। रोलओवर का दौर बाजार में उथल-पुछल पैदा कर रहा है जिससे आपको निचले स्तर पर एंट्री का मौका मिल सकता है। टीसीएस ने 2402 करोड़ रुपए के शुद्ध लाभ की घोषणा की है जबकि हमारा अनुमान 2465 करोड़ रुपए और ब्लूमबर्ग का सर्वे 2350 करोड़ रुपए बता रहा था। हिंदुस्तान जिंक ने 1771 करोड़ रुपए के शुद्ध लाभ की घोषणा के साथ सबको चौंका दिया है। इसके लिए हमारा अनुमान 1372 करोड़ रुपए का था। कंपनी सिल्वर डिवीजन को अलग करने की घोषणा कर सकती है।

कभी-कभी रनिंग कमेंट्री के बजाय आंकड़े पेश करना ज्यादा अच्छा होता है, जैसा कि आज मैंने किया है। बी ग्रुप में वोल्यूम बढ़ रहा है। और, हमेशा की तरह आप पिछले एक महीने में तमाम अवसर गंवा चुके हैं सिर्फ इसलिए कि आपके दिमाग का कचरा निकल चुका था। कचरा अंदर, कचरा बाहर। भ्रांति ही भ्रांति। इससे तो बाहर निकलिए। तभी कुछ कर पाएंगे।

आप निशाना ही नहीं लगाओगे तो आपके 100 फीसदी निशाने तो चूक ही जाएंगे न! कहा भी गया है कि गिरते हैं घुड़सवार ही मैदाने जंग में।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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