ब्लैकबेरी की भंवरों में बने घनचक्कर

पूरा शेयर बाजार और यहां का तकरीबन हर कारोबारी इसी राय का है कि अब तो निफ्टी को 4800 तक जाना ही है। इसलिए हर कोई जहां भी संभव है, शॉर्ट सौदे ही कर रहा है। यहां तक कि विशेषज्ञ भी शॉर्ट करने के मौके तलाश रहे हैं। ब्लैकबेरी पर संदेश घुमाए जा रहे हैं कि फलां कंपनी बुरी है, उसे निकाल दो। दूसरा एसएमएस कहता है कि निफ्टी सबसे बुरे दौर की तरफ बढ़ रहा है। इसलिए सब कुछ बेच-बाच कर निकल लो।

ब्लैकबेरी इस समय अफवाहें या खबरें फैलाने की नई मशीन बन गया है। करीब 100 ऐसे ग्रुप बन गए हैं जिसके बीच खबरें सेकंडों के भीतर इधर से उधर होती रहती हैं। बाजार में खबरें असल में गणेश के दूध पीने वाले अंदाज में फैल रही हैं। पलक झपकते ही इस कोने से लेकर उस कोने तक। इनकी बमबारी के बीच ट्रेडरों को अपना दिमाग लगाने की फुरसत ही नहीं मिलती। अधिकांश ट्रेडरों के पास ब्लैकबेरी है और वे समूहों के बीच घूमती खबरों के बीच घनचक्कर बन गए हैं।

खैर, निश्चित रूप में बाजार में भरोसे का संकट पैदा हो गया है। कोई स्थिर नहीं है। सब बहे चले जा रहे हैं। हर किसी का भरोसा अपने ऊपर डिगा हुआ है। हालांकि मैं मंदी की ज्यादा धारणा नहीं रखता। इस सेटलमेंट के खत्म होने में केवल दो दिन बचे हैं और आमतौर पर सेटलमेंट के अंत के साथ सारे अपशगुन दफ्न हो जाते हैं। मैं एक बार फिर दोहराना चाहता हूं कि एफ एंड ओ (फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस) सेगमेंट बाजार चलानेवालों के लिए कमाई का जरिया बन गया है क्योंकि इसमें फिजिकल सेटलमेंट नहीं है और यहां वोल्यूम के अभाव में बाजार निर्धारित प्रणाली के सिद्धांतों के खिलाफ जाकर भावों को नचाना काफी आसान है।

इसलिए मैं बहुत सीधी-सी बात कहना चाहता हूं। मूल्यांकन को देखते हुए सारी बुरी चीजों के बावजूद सेंसेक्स को 21,000 से 24,000 तक जाना है। हम अब जून की तिमाही के नतीजों से ज्यादा दूर नहीं हैं। अगले हफ्ते भर बाजार की दशा-दिशा को देखने के बाद हम इसका स्पष्ट फैसला करेंगे कि आगे क्या करना है। लेकिन इतना तय है कि निफ्टी दोबारा 5600 पर जाएगा। आज भी निफ्टी गिरकर 5328.70 तक तो चला गया। लेकिन कारोबार की समाप्ति पर थोड़ा उठकर 5349.40 पर बंद हुआ। कल रोलओवर और शॉर्ट कवरिंग के चलते निफ्टी के 5430 या यहां तक कि 5465 तक जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

200 दिनों का मूविंग औसत (डीएमए) स्पष्ट वजहों से प्रेरक की भूमिका निभाएगा। केवल बहुत बड़ी घटना ही इसके प्रभाव को खत्म कर सकती है। एक बात जान लें कि बाजार की मानसिकता और वोल्यूम में तभी सुधार होगा जब निफ्टी/सेंसेक्स 200 डीएमए के ऊपर चले जाएंगे। इसलिए सही मौका ताड़ने की जरूरत है। इस बीच ट्रेड करें, लेकिन पूरी सावधानी और सही सूचनाओं के साथ।

लिखने के हुनर का मतलब यह है कि आप ऐसा संदर्भ पेश कर दें जिसमें दूसरे लोग सोच सकें।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का फीस-वाला कॉलम है, जिसे हम यहां मुफ्त में पेश कर रहे हैं)

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