एरीज एग्रो का मेष काफी बलवान है

एरीज एग्रो (बीएसई – 532935, एनएसई – ARIES) के बारे में यूं समझ लीजिए कि वो कृषि रयासनों के धंधे में लगी भारत की बहुराष्ट्रीय कंपनी है। अभी तीन दिन पहले ही 21 फरवरी को उसकी सब्सिडियरी अमरक केमिकल्स ने संयुक्त अरब अमीरात के फुजैरा औद्योगिक क्षेत्र में सल्फर बेंटोनाइट की इकाई में व्यावसायिक उत्पादन शुरू किया है। कंपनी की बिजनेस रणनीति की झलक इस बात से मिल सकती है कि दुनिया में कृषि क्षेत्र में सल्फर युक्त रसायनों की अधूरी मांग 96 लाख टन है। फुजैरा इकाई की सालाना क्षमता 65,000 टन है और यह पूरे एशिया में इतनी बड़ी क्षमता की इकलौती इकाई है। कंपनी यहां से भारत के अलावा चीन व एशिया के अन्य देशों को माल भेजेगी।

एरीज एग्रो 1969 में बनी कंपनी है। 107 अलग-अलग फसलों के लिए 16 किस्म के पोषक तत्व बनाती है। इसके 76 ब्रांड हैं। भारत के अलावा मध्य-पूर्व और सार्क देशों में इसकी मौजूदगी है। कंपनी का दावा है कि करीब 80 लाख किसान उसके उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं। एनपीके (नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटाश) उर्वरक को भारत में तरल रूप में पेश करने का श्रेय उसे जाता है। कंपनी की छह उत्पादन इकाइयां भारत में हैं और दो विदेश में। फुजैरा के अलावा विदेश में उसकी अन्य इकाई शारजाह में है जहां वह गोल्डन हार्वेस्ट नाम की सब्सिडियरी जरिए अक्टूबर 2008 से ही खास कृषि रयासन बना रही है।

अब कंपनी की वित्तीय मजूबती की बात। उसने दिसंबर 2010 में 54.73 करोड़ रुपए की बिक्री पर 7.81 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है। इससे पहले सितंबर 2010 तिमाही में उसकी बिक्री 46.64 करोड़ और शुद्ध लाभ 4.83 करोड़ रुपए था। बीते वित्त वर्ष 2009-10 में कंपनी ने 139.75 करोड़ की बिक्री पर 11.14 करोड़ का शुद्ध लाभ कमाया था। इस तरह हम देखें तो चालू वित्त वर्ष में अब तक ही वह पिछले वित्त वर्ष से ज्यादा मुनाफा चुकी है।

कंपनी का ठीक पिछले बारह महीनों का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 12.39 रुपए है। शेयर कल बीएसई में 108 रुपए पर बंद हुआ है। इस तरह शेयर मात्र 8.72 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। शेयर की बुक वैल्यू 85.90 रुपए है। यानी, बाजार भाव व बुक वैल्यू का अनुपात 1.25 के आकर्षक स्तर है। दीर्घकालिक फायदे के लिए इस समय इसमें निवेश किया जा सकता है। फायदा कितना होगा, नहीं कहा जा सकता। लेकिन संकेत इस बात से मिल सकता है कि इस शेयर का 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 203.70 रुपए का है जो उसने 3 सितंबर 2010 को हासिल किया था।

कंपनी की कुल इक्विटी 13 करोड़ रुपए है जो दस रुपए अंकित मूल्य के शेयरों में बंटी है। इसका 52.64 फीसदी हिस्सा प्रवर्तकों और 3.53 फीसदी एफआईआई व 6.93 फीसदी घरेलू निवेशक संस्थाओं (डीआईआई) के पास है। पब्लिक के खित्ते से एसबीआई म्यूचुअल फंड ने कंपनी के 4.09 फीसदी, इंडिया ऑप्टिमा फंड ने 2.91 फीसदी और बिड़ला सनलाइफ ट्रस्टी कंपनी ने इसके 2.31 फीसदी शेयर खरीद रखे हैं। एक कोई पूजा हिमांशु मेहता भी हैं जिनके पास कंपनी के डेढ़ लाख यानी 1.15 फीसदी शेयर हैं।

एक बात तो यह है कि कृषि आधारित कंपनियों का भविष्य उज्ज्वल है। दूसरे एरीज एग्रो किसानों के बीच कई कार्यक्रमों व अपने उत्पादों से पैठ बना चुकी है। चार दशक से ज्यादा पुरानी कंपनी है। प्रोफेशनल लोग इसके पीछे हैं। तीसरे इसके मुख्य प्रवर्तक और चेयरमैन व प्रबंध निदेशक जिम्मी मीरचंदानी इधर खुद कंपनी के शेयर खरीदने में जुटे हुए हैं। मेरे ख्याल से किसी स्टॉक को आकर्षक बनाने के लिए इतना कुछ काफी है।

1 Comment

  1. your are january or febuary bullish but market is v.very bears

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