चालू वित्त वर्ष 2011-12 में अप्रैल से जून तक की पहली तिमाही में पूरे साल के लिए तय कृषि ऋण का 23.73 फीसदी हिस्सा बांटा जा चुका है। कृषि मंत्रालय की तरफ से दी गई ताजा जानकारी के मुताबिक 30 जून 2011 तक कुल 1,12,731 करोड़ रुपए के कृषि वितरित किए गए हैं, जबकि पूरे वित्त वर्ष का लक्ष्य 4.75 लाख करोड़ रुपए का है।
बता दें कि इधर कुछ सालों से कृषि क्षेत्र को दिया गया ऋण निर्धारित लक्ष्य से ज्यादा रहा है। जैसे, वित्त वर्ष 2010-11 में लक्ष्य 3.75 लाख करोड़ रुपए का था, जबकि वास्तव में 4,46,779 करोड़ रुपए का ऋण दिया गया।
चालू वित्त वर्ष 2011-12 में सहकारी बैंकों को 69,500 करोड़ रुपए का ऋण कृषि क्षेत्र को देना है, जबकि जून तक उन्होंने 21,453 करोड़ रुपए के ऋण बांट दिए हैं। इसी तरह वाणिज्यिक बैंकों ने 3.55 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य में से 78,668 करोड़ रुपए और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों ने 50,500 करोड़ रुपए के लक्ष्य में से 12,610 करोड़ रुपए के कृषि ऋण वितरित कर दिए हैं।
नोट करने की बात यह है कि सरकारी दावे के मुताबिक 2003-04 से ही लगातार कृषि ऋण का प्रवाह लक्ष्य से अधिक हुआ है। 2003-04 में 86981 करोड़ रुपए से 2011-12 में यह 475000 करोड़ रुपए तक बढ़ा है। पूरा विवरण हम इस तालिका में देख सकते हैं।
वर्ष | लक्ष्य (करोड़ रु. में) | उपलब्धि (करोड़ रु. में) |
2004-05 | 104500 | 125309 |
2005-06 | 141000 | 180485 |
2006-07 | 175000 | 229400 |
2007-08 | 225000 | 254658 |
2008-09 | 280000 | 301908 |
2009-10 | 325000 | 384514 |
2010-11 | 375000 | 446779 |
2011-12 | 475000 | 112731
(30 जून 2011 तक) |