सरकारी कर्मचारियों की मौज, बढ़ गया डीए

सरकारी कर्मचारियों की मौज है क्योंकि उन्हें मुद्रास्फीति के असर को खत्म करने के लिए यहां-वहां निवेश करने की मगजमारी नहीं करनी पड़ती। सरकार खुद ही मुद्रास्फीति के असर को महंगाई भत्ता बढ़ाकर बराबर कर देती है। केंद्र सरकार ने इसी क्रम में शुक्रवार को अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 7 फीसदी बढ़ा दिया। यह वृद्धि 1 जुलाई 2011 से लागू होगी।

केंद्रीय मंत्रिमंडल के इस फैसले की सूचना देते हुए सूचना व प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने संवाददाताओं को बताया कि सरकारी कर्मचारियों के लिए अब महंगाई भत्ता उनके मूल वेतन के 51 फीसदी फीसदी से बढ़कर 58 फीसदी हो गया है।

इससे केंद्र सरकार के 50 लाख कर्मचारियों को महंगाई भत्ते (डीए) और 40 लाख पेंशनरों को महंगाई राहत (डीआर) का लाभ मिलेगा। लेकिन 121 करोड़ की आबादी में एक करोड़ से भी कम लोगों के पास मुद्रास्फीति से बचाव की यह ढाल है। बाकी 120 करोड़ लोगों के सामने अपना कवच खुद बनाने की मजबूरी है।

दीवाली से पहले सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। बता दें कि सरकारी कर्मचारियों के लिए साल में दो बार जनवरी और जुलाई में डीए की समीक्षा की जाती है। अंबिका सोनी ने कहा कि डीए और डीआर में बढ़ोतरी से सरकार पर सालाना 7229 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि के लिए यह बोढ 4819 करोड़ रुपए का है।

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