आरती ड्रग्स, कुनबा और जायदाद

आरती ड्रग्स (बीएसई कोड – 524348, एसएनई कोड – AARTIDRUGS) का शेयर अपनी बुक वैल्यू के आसपास चल रहा है। उसकी बुक वैल्यू 121.46 रुपए है, जबकि कल वह 137.40 रुपए पर बंद हुआ है। हालांकि पंद्रह दिन पहले ही 30 अगस्त को वह 52 हफ्ते की चोटी 153.65 रुपए पर पहुंचा है। फिर भी उसे सस्ता ही माना जाएगा क्योंकि उसका पी/ई अनुपात 6.72 है, जबकि इसी उद्योग की अन्य कंपनी सिप्ला का मौजूदा पी/ई अनुपात 22.51 है। हालांकि बुक वैल्यू या पी/ई जैसे अनुपातों से किसी शेयर का तुरंत उठना-गिरना नहीं तय होता, लेकिन इनसे उनमें निहित संभावना का संकेत तो जरूर मिलता है। हालांकि कंपनी की स्थिति का महत्वपूर्ण पैमाना उसका प्रबंधन है, जिसे आंकड़ों की कोई भाषा बयान नहीं करती और आसानी से इसका पूरा पता भी नहीं चलता।

खैर, आरती ड्रग्स 1984 में बनी कंपनी है। चंद्रकांत गोगरी उसके नॉन एक्जीक्यूटिव चेयरमैन हैं, जबकि प्रकाश पाटिल और सतीश नचाने उसके प्रबंध निदेशक है। एक कंपनी और एमडी दो! हर्षित सावला उसके संयुक्त प्रबंध निदेशक हैं। कंपनी के दो मुख्य संयंत्र तारापुर (महाराष्ट्र) और सरीगाम (गुजरात) में हैं। वह तमाम बल्क ड्रग, जेनरिक दवाएं और स्पेशियलिटी केमिकल बनाती है। अमेरिका समेत दुनिया के 85 देशों को निर्यात करती है। उसके बड़े ग्राहकों में सनोफी-अवेंतिस, मर्क, टेवा, सीयर्ल, फाइजर, बायर और क्लैरिएंट जैसी बहुराष्ट्रीय दवा कंपनियां शामिल हैं। भारत सरकार ने उसे पिछले कई सालों से निर्यात हाउस का दर्जा दे रखा है। कंपनी के पास अपनी आर एंड डी सुविधाएं हैं। लेकिन आय का कितना हिस्सा वह शोध व अनुसंधान पर करती है, इसका पता नहीं लग पाया।

कंपनी ने वित्त वर्ष 2009-10 में 471.42 करोड़ रुपए की आय पर 26.10 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था। चालू वित्त वर्ष मे जून की पहली तिमाही में उसकी आय 118.18 करोड़ और शुद्ध लाभ 5.98 करोड़ रुपए रहा है। नोट करने की बात यह है कि कंपनी प्रॉपर्टी डेवलपमेंट और रीयल एस्टेट में उतरने जा रही है। इस सिलसिले में उसकी ईजीएम (असाधारण आमसभा) कल 16 सितंबर को होनी है। जाहिर है, कंपनी अपनी जमीन की वैल्यू अनलॉकिंग के प्रयास में लगी है। इससे उसका मूल्यांकन बढ़ सकता है।

कंपनी की इक्विटी 12.11 करोड़ रुपए है जो 10 रुपए अंकित मूल्य के शेयरों में विभाजित है। इसका 51.82 फीसदी हिस्सा प्रवर्तकों के पास है, जबकि डीआईआई और एफआईआई की हिस्सेदारी बहुत मामूली है। प्रवर्तक श्रेणी में एक-दो नहीं, 74 शेयरधारक हैं। कंपनी के कुल शेयरधारकों की संख्या 9894 है जिनमें से 50 ने एक लाख रुपए से ज्यादा लगा रखे हैं और उनके पास कंपनी की 19.55 फीसदी इक्विटी है।

इस तरह लगता तो यही है कि कंपनी के शेयरधारकों का आधार ज्यादा विस्तृत नहीं है। कंपनी पिछले पांच सालों से हर साल लगातार लाभांश दे रही है। इधर जुलाई महीने में प्रवर्तकों में शामिल पाटिल परिवार के कुछ सदस्यों ने कंपनी के लगभग 50,000 शेयर खरीदे हैं। आप कहेंगे कि आरती ड्रग्स को अभी खरीदना चाहिए या नहीं तो यह फैसला आपको करना है क्योंकि आपके पैसे और जोखिम का फैसला हम यहां बैठकर कैसे कर सकते हैं?

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