अदालतों में लटके पड़े हैं 42.75 लाख मामले

सुप्रीम कोर्ट में 30 जून, 2011 तक 57,179 मामले लंबि‍त थे, जबकि राज्यों में स्थित सभी हाईकोर्टों में 30 सि‍तम्‍बर, 2010 तक लंबि‍त मामलों की संख्‍या 42,17,903 है। इस तरह हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में 42.75 लाख से ज्यादा मामले अटके पड़े हैं। यह जानकारी कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने मंगलवार को राज्यसभा में लिखित जवाब में दी।

उन्होंने बताया कि अदालतों में मुकदमों के जल्द नि‍पटारे के लि‍ए सरकार ने कई उपाय कि‍ए हैं। न्याय संबंधी इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए वि‍त्‍त वर्ष 2011-12 में केन्‍द्रीय स्तर पर प्रायोजि‍त स्‍कीम के लि‍ए आवंटन 100 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपए कर दिया गया है।

साथ ही सरकार ने 2010 से 2015 तक पांच साल की अवधि में न्‍याय प्रणाली में सुधार करने के लि‍ए राज्‍यों को 5000 करोड़ रुपए का अनुदान उपलब्‍ध कराने हेतु 13वें वि‍त्‍त आयोग की सि‍फारि‍शों को स्‍वीकार कर लि‍या है। वर्ष 2010-11 के दौरान राज्‍यों को पहले ही 1000 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जा चुका है।

न्‍याय परि‍दान प्रणाली को कंप्‍यूटरीकृत करने के लि‍ए सरकार 935 करोड़ रुपए की अनुमानि‍त लागत से देश में जि‍ला और अधीनस्‍थ न्‍यायालयों की कार्यपद्धति को सुधार रही है। 31 मार्च 2012 तक 12,000 न्‍यायालयों और 31 मार्च 2014 तक 14,249 न्‍यायालयों को कंप्‍यूटरीकृत करने का लक्ष्‍य है।

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