सरकार अगले पांच सालों में सार्वजनिक क्षेत्र की 35 नई कंपनियों के आईपीओ (शुरुआती पब्लिक ऑफर) लाएगी और उन्हें शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराएगी। इस तरह के विनिवेश से केंद्र सरकार को कुल 1.5 लाख करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम राज्यमंत्री अरुण यादव ने बुधवार को राजधानी दिल्ली में प्रमुख उद्योग संगठन सीआईआई (कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री) के एक समारोह में यह जानकारी दी।
उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि अगले पांच साल में हम सार्वजनिक क्षेत्र की 35 कंपनियों को सूचीबद्ध कराएंगे। सरकार को इससे तकरीबन 1. 5 लाख करोड़ रुपए मिलेंगे। उन्होंने बताया कि उनका मंत्रालय इस बारे में पूरा प्रस्ताव बनाकर वित्त मंत्रालय के पास भेज चुका है। जैसे ही वित्त मंत्रालय से मंजूरी मिलती है, वैसे ही इन नई कंपनियों के विनिवेश की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
बता दें कि पिछले हफ्ते ही वित्त सचिव सुमित बोस ने कहा था कि इंजीनियर्स इंडिया का विनिवेश अगले महीने जुलाई के मध्य में होने की संभावना है। सरकार इसके अलावा कोल इंडिया, एमएमटीसी, सेल और शिपिंग कारपोरेशन आफ इंडिया समेत 10 कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है। सेल में विनिवेश को लेकर कैबिनेट की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। कोल इंडिया पहली बार पूंजी बाजार में उतरेगी और उसका आईपीओ सितंबर तक आने की संभावना है।
पिछले वित्त वर्ष 2009-10 में सरकार ने ऑयल इंडिया, एनएमडीसी, आरईसी और एनटीपीसी में विनिवेश से करीब 25,000 करोड़ रुपए की राशि जुटाई थी। वैसे, भी लिस्टेड कंपनियों में 25 फीसदी न्यूनतम पब्लिक होल्डिंग का नियम बन जाने के बाद सरकार को तमाम कंपनियों का एफपीओ (फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर) लाना जरूरी हो गया है।