ट्रेड टू ट्रेड में 24 कैरेट का सोना

बाजार ने ठीक दोहरी तलहटी बनाई और यह अनुमान हमने तभी जाहिर कर दिया था जब निफ्टी 6240 अंक पर था। लेकिन बाजार के लोग तब इसे सुनने-समझने को तैयार नहीं थे। निफ्टी में अब भी अंततः लक्ष्य 8000 का है। जो लोग ये बात ध्यान में रखते हैं और उसके हिसाब से ट्रेड या निवेश करते हैं, उन्हें बाजार से पैसे बनाने का मौका मिल सकता है। मसलन, सेंचुरी टेक्सटाइल्स पैसे बनाने के कम से दर्जन भर मौके दे रहा है। लेकिन आप नहीं बना पा रहे हैं। जरा सोचिए क्यों?

क्विंटेग्रा सोल्यूशंस एक्सचेंज द्वारा किसी शेयर को ट्रेड टू ट्रेड श्रेणी में डालने की नीति का एक और शिकार हो गया। लेकिन लगता है कि इस सेगमेंट या श्रेणी में किसी शेयर को डालने का चलन चल निकला है क्योंकि इससे रिटेल निवेशक जहां ट्रेडिंग से वंचित हो जाते हैं, वहीं ऑपरेटरों को शेयर के भावों से खेलने का मौका मिल जाता है। इस सेगमेंट में 30 फीसदी डिस्काउंट की वो स्कीम भी नहीं लागू होती है जो केवल स्तरीय व दमदार स्टॉक्स की गारंटी करती है। बी ग्रुप में आपको कौन गांरटी दे सकता है कि किस स्टॉक को अहमदाबाद के छोरे ने 30 फीसदी डिस्काउंट के खेल के लिए उठाया है, जिसे एक्सचेंज अपने तौर-तरीकों और सैकड़ों बोल्ट (बीएसई ऑनलाइन ट्रेडिंग) सुविधा के जरिए वोल्यूम खड़ा करने के धंधे के चलते नहीं पकड़ सकते?

ट्रेड टू ट्रेड सेगमेंट में आपको सौ फीसदी 24 कैरेट का सोना मिलता है और केवल लंबे दौर के निवेशक इस श्रेणी के शेयरों को बटोर कर रखते जाते हैं। वे भलीभांति जानते हैं कि ये शेयर हमेशा के लिए इस श्रेणी में नहीं रहेंगे और इसलिए जब दो-तीन महीने बाद ये शेयर सामान्य सेगमेंट में आएंगे तो वे 50 फीसदी रिटर्न लेकर निकल जाएंगे।

बाजार अच्छी अवस्था में है और मैं रीयल्टी सेक्टर के बारे में अपनी राय पर कायम हूं। कोल इंडिया के आईपीओ का मूल्य 235 रुपए रखा जाएगा और यह बड़ी कामयाबी हासिल करेगा। रिलायंस कम्युनिकेशंस जल्दी ही रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को अलग कर देगी क्योंकि मेरे हिसाब से इस कंपनी में 26 फीसदी इक्विटी भागीदारी वाला पार्टनर लाना मुश्किल काम है। आईएफसीआई एक नए हलके में पहुंच गया है। इसके एमडी एनएसई में कंपनी और टीएफसीएल की हिस्सेदारी बेचकर 3000 करोड़ जुटाने के काम में लगे हैं। आखिरकार एमए (मुकेश अंबानी) इस कंपनी का अधिग्रहण कर सकते हैं।

मेरा यकीन है कि इस स्टॉक का मूल्य 200 रुपए से कम नहीं हो सकता। यह बात मैं इस कॉलम में पहले भी लिख चुका हूं। अब यह हमारी तरफ से तय लक्ष्य 78 रुपए से ज्यादा दूर नहीं है। हम अपनी अगली रिपोर्ट में इसका नया लक्ष्य तय करेंगे। स्पाइस मोबाइल के बारे मे हमने खरीद की सिफारिश करते हुए अपनी रिपोर्ट 48 रुपए पर जारी थी। इसका मौजूदा बाजार भाव 105 रुपए है और इसका प्लेसमेंट 180 रुपए पर होगा। आप अब भी रिसर्च रिपोर्टों और शिक्षा का महत्व नहीं समझते और चंद रुपयों के जुगाड़ में लगे रहते हैं। इस सोच ने आपकी उड़ान को बांध रखा है। शेयर बाजार से नोट बनाने के लिए केवाईएस (नो योर स्टॉक) जरूरी है।

राह की बाधाएं आपको तभी डराती हैं जब आप अपने लक्ष्य से निगाहें हटा लेते हो।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ हैलेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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