सरकार सांसदों की खुशी पर लुटाएगी 2370 करोड़

एक तरफ सरकार केरोसिन व रसोई गैस पर सब्सिडी का रोना रोती है, वहीं दूसरी तरफ उसने बडी आसानी से सांसदों को हर साल 2370 करोड़ रुपए अतिरिक्त देने का फैसला कर लिया है। गुरुवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास (एमपीलैड) योजना के तहत हर सांसद को हर साल 2 करोड़ रुपए की जगह पांच करोड़ रुपए देने का प्रस्ताव पास कर दिया गया।

बढ़ी हुई रकम चालू वित्त वर्ष 2011-12 से मिलने लगेगी। कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने राजधानी दिल्ली में संवाददाताओं को बताया कि अभी तक इस योजना पर सालाना खर्च 1580 करोड़ रुपए का था। अब यह बढ़कर 3950 करोड़ रुपए हो जाएगा। इस तरह सरकारी खजाने पर हर साल 2370 करोड़ रुपए का बोझ बढ़ जाएगा।

बता दें कि एमपीलैड योजना 1993-94 में शुरू की गई थी। इसके तहत सांसदों को अधिकार होता है कि वे अपने चुनाव क्षेत्र के लोगों की जरूरतों के हिसाब से ऐसे कामों की सिफारिश कर सकें, जिनसे स्थायी सामुदायिक परिसंपत्ति निर्मित हो सके। लेकिन कई समितियां आलोचना करते हुए इसे बंद करन् की सिफारिश कर चुकी हैं। फिर भी सरकार इसे बंद करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है।

कहने को इसके तहत सांसद पेय जल, शिक्षा, स्वास्थ्य, साफ-सफाई और सड़क जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के कामों के लिए सिफारिशें कर सकते हैं। लेकिन व्यवहार में वे इससे अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के जरिए खुद लाभ कमाते हैं। इस योजना के तहत इसके शुरू होने से लेकर 31 मार्च 2011 तक 22,490.57 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *