विपक्ष ने गदर काट रखा है कि 2008 में 2 जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में भारी घोटाले के कारण ही सरकार को केवल 10,000 करोड रुपए मिल पाए थे। लेकिन दूरसंचार नियामक संस्था, टीआरएआई सुधार में जुट गई है। उसने कहा है कि 2 जी स्पेक्ट्रम के लाइसेंस के नवीकरण का आधार 3 जी के लिए मिले मूल्य (67,719 करोड़) को बनाया जाए और नवीकरण तक हर साल 3 फीसदी की दर से चक्रवृद्धि ब्याज लगाया जाए। इसे मान लिया गया तो सरकार को 2 जी लाइसेंस के नवीकरण से 1.03 लाख करोड़ रुपए मिल सकते हैं। इन लाइसैंसों के नवीकरण का सिलसिला साल 2014 से शुरू होगा।
2010-05-24