देश के प्रमुख राष्ट्रीयकृत बैंक, यूनियन बैंक ने म्यूचुअल फंड कारोबार में उतरने की तैयारी कर ली है। इसके लिए उसने बेल्जियम के केबीसी ग्रुप के साथ गठजोड़ किया है। इस तरह बनी संयुक्त उद्यम एसेट मैनेजमेंट कंपनी में यूनियन बैंक की इक्विटी भागीदारी 51 फीसदी और केबीसी ग्रुप की भागीदारी 49 फीसदी होगी। बैंक ने सेबी के पास आवेदन कर दिया है और जल्दी ही उसे आवश्यक मंजूरी मिल जाने की उम्मीद है। बता दें कि म्यूचुअल फंड में विदेशी निवेश की कोई सीमा नहीं है। यानी कोई भी विदेशी कंपनी यहां 100 फीसदी तक इक्विटी हिस्सेदारी के साथ म्यूचुअल फंड बना सकती है।
यूनियन बैंक के सीएमडी एम वी नायर के मुताबिक संयुक्त उद्यम के तहत बने इस म्यूचुअल फंड का लक्ष्य अगले पांच सालों में देश के टॉप 10 म्यूचुअल फंडों और दस सालों में चॉप 5 म्यूचुअल फंडों में शुमार होने का है तीन साल में वह 12,000 करोड़ड रुपए का एयूएम (एसेट अंडर मैनेजमेंट) हासिल करना चाहता है। पांच सालों में बाजार में 3 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करना चाहता है और इसी साल के उसका कामकाज ब्रेक इवेन यानी फायदे में आ जाएगा।
नायर का कहना है कि एसेट मैनेजमेंट या म्यूचुअल फंड उद्योग देश में स्वतंत्र प्रतिस्पर्धा की कामयाबी का उदाहरण है। 1990 के दशक के शुरुआती सालो तक अपने यहां केवल एक प्रमुख खिलाड़ा यूटीआई के रूप में था। लेकिन अब देश में सक्रिय म्यूचुअल फंडों की तादाद 30 के ऊपर जा चुकी है। इसमें लगातार नए-नए खिलाड़ी आ रहे हैं। हालांकि इसकी पहुंच अभी तक बेहद सीमित है। लेकिन इससे पता चलता है कि अभी इसके विस्तार की कितनी भारी गुंजाइश है।