कई नगीने छिपे हैं बाजार में

ब्याज दरों में मामूली बढोतरी हुई। बाजार ने इसे आसानी से पचा भी लिया क्योंकि मौद्रिक नीति से पहले ही गोल्डमैन सैक्स के मामले ने बाजार को करेक्शन का मौका दे दिया था। बाजार अब सामान्य हो चुका है और पटरी पर लौट आया है। रोलओवर कल से शुरू हो रहा है। हमने निफ्टी और गैल इंडिया में खरीद की सलाह दी थी और दोनों अच्छा रिटर्न दे चुके हैं। हमने निफ्टी में 5170 के स्तर पर भी खरीद का कॉल दी थी और इस पर फायदा हो चुका है। उम्मीद करते हैं कि निफ्टी जल्दी ही 5325 का स्तर पार कर जाएगा।

हमारी टीम के पास इसे मानने का पर्याप्त आधार था कि गैल के शेयर इस तरह बढ़ेंगे। इसी तरह हम मानते हैं कि भारत फोर्ज अब कुलांचे भरेगा। वैसे भी ऑटो एंसिलियरी क्षेत्र अभी टॉप गियर में है और भारत फोर्ज इस क्षेत्र की अगुआ कंपनी है। कभी-कभी मुझे कुछ अहम सूचनाएं आपके साथ बांटने में डर लगता है और उन्हें एफआईआई डेस्क तक ही सीमित रखता हूं। इसकी सीधी-सरल वजह यह है कि आप में से बहुत से लोग बेकार की किचकिच करते हैं।

शिवालिक बाईमेटल को अभी तक ऐसा ऑटो एंसिलियरी स्टॉक माना गया है जिसका ताल्लुक लक्ष्मी नारायण मित्तल से है। जल्दी ही हम खुलासा करनेवाले हैं कि कैसे लक्ष्मी नारायण मित्तल क्लैड सोल्यूशंस के निहित मूल्य को उभारने वाले हैं। क्लैड सोल्यूशंस में शिवालिक ने 17 करोड़ रुपए लगा रखे हैं और लक्ष्मी नारायण मित्तल व डी निक ने भी इसमें 17-17 करोड़ रुपए डाल रखे हैं। हम जल्दी ही बताने वाले हैं कि क्लैड सोल्यूशंस क्या चीज है। इस बीच आप खुद रिसर्च कर पता लगा सकते हैं कि इस क्षेत्र में कितनी कंपनियां भारत और पूरी दुनिया में हैं। यह बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) का मसला है।

एक और कंपनी जो अभी शुरुआती दौर में है, लेकिन बड़ी संभावनामय बन सकती है, वह है विज़न कॉरपोरेशन। कंपनी को चैनलों के लिए तीन लाइसेंस मिल चुके हैं और शायद आप जानते ही होंगे कि सरकार ने अब नए चैनलों के लिए लाइसेंस देना बंद कर दिया है। एक चैनल को चलाने के लिए कम से कम 100 करोड़ रुपए की जरूरत होती है। इसका मतलब यह हुआ कि इन तीन चैनलों को कायदे से चलाने में 300 करोड़ रुपए लग सकते हैं। इस मायने में विजय कॉरपोरेशन अचानक परदे से निकल कर सबको अंचभित कर सकती है। लेकिन साथ ही आप यह भी समझ लें कि इस तरह के ख्वाब और प्रोजेक्ट में कितना बड़ा जोखिम होता है। चौंकिए मत। विजन कॉरपोरेशन का शेयर अभी केवल 7.53 रुपए का है। अब दांव लगाना आपकी मर्जी पर है।

सेरा सैनिटरीवेयर शानदार नतीजों की घोषणा के बाद अब सबकी निगाहों में चढ़ गई है। सेरा ने खुद घोषणा की है कि वह यूरोप के कुछ ब्रांड खरीदने की तैयारी कर चुकी है। अगर ऐसा होता है तो सेरा के शेयर का भाव 1000 रुपए तक जा सकता है। सेरा अपने डब्ल्यूसी (वॉटर क्लोजेट या फ्लश टॉयलेट) 11,000 रुपए की दर से बेचती है, जबकि रोक्का के डब्ल्यूसी का दाम 1.75 लाख रुपए है। आप इस अंतर और इसके असर की कल्पना कर सकते हैं। इसके बावजूद सेरा का ओपीएम (परिचालन लाभ मार्जिन) 22 फीसदी है। अगर सेरा सैनिटरीवेयर विदेशी ब्रांड हासिल कर लेती है तो वह अपने उत्पादों को विदेशों में नए सिरे से पेश कर सकती है। तब इसका मार्जिन कितना बढ़ जाएगा?

वैसे तो अज्ञानता अपने आप में बड़ा पाप है। लेकिन यह भी सच है कि अनजान शिशु का कोई काम पाप नहीं होता।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है लेकिन फालतू के वैधानिक लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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