तेरह तारीख का शुभ-अशुभ, यानी…

सेंसेक्स के 18,000 तक पहुंचने के आसार ने शेयर कारोबारियों के दिमाग में एक रौ जग गई है कि फटाफट-झटपट कुछ कर लेना चाहिए और वे बेचकर मुनाफा कमाने में लग गए हैं। अच्छी बात है। लेकिन बाजार को अभी लंबा चलना है क्योंकि 13 अप्रैल आने में छह दिन बचे हैं। 13 अप्रैल को इनफोसिस के नतीजों में वो कुंजी है जो बाजार की अगली मंजिल का फैसला करेगी।

एचडीआईएल और डीएलएफ ऐसा तेज भाग रहे हैं कि लोगबाग भूल गए हैं कि ब्याज दरें बढ़ भी सकती हैं। ये दोनों स्टॉक मेरे पसंदीदा हैं। इनके साथ रीयल्टी क्षेत्र की इस बढ़त में मैं बॉम्बे डाईंग और सेंचुरी को भी शुमार करता हूं। अब आप समझ सकते हैं कि आईडीबीआई 115 रुपए के भाव पर क्यों ठंडा पड़ा हुआ था और क्यों वह 126 रुपए पर भी सबसे आगे निकल रहा है। अंतर यह है कि जब हमने इसमें खरीद की कॉल दी थी तो इसको धक्का मारने जैसा मामला था क्योंकि तब टेक्निकल बाधा थी। टेक्निकल पक्ष से 120 रुपए के ऊपर खरीद की कॉल दी गई तो हमें इससे निकलने का मौका मिल गया। यही मामला डीएलएफ और एचडीआईएल जैसे शेयरों में भी है।

यह एक बार फिर साबित करता है कि डेरिवेटिव बाजार में घुसने का सबसे सुरक्षित रास्ता है कंपनी की मूलभूत ताकत के आधार पर खरीद करना। मूलभूत ताकत के दम पर हम कभी गच्चा नहीं खा सकते। हालांकि सरकारी नीतियों और कुछ अन्य कारकों का असर भी इस पर पड़ता है। ऐसा हम पहले भारती और बाद में बजाज हिंदुस्तान में देख चुके हैं। वैसे, इन शेयरों को फिर से उठना ही है क्योंकि ऑपरेटर अभी तक इनसे निकल नहीं पाए हैं।

देखा यह गया है कि टेक्निकल विश्लेषण पर आधारित खरीद की सिफारिश तब आती है जब शेयर अपनी ऊंचाई के करीब होते हैं। उस वक्त बाजार के मूड और मानसिकता में जरा-सी तब्दीली आपको घाटा उठाने की तरफ ले जाती है क्योंकि आप स्टॉप लॉस में लग जाते हैं। दूसरी तरफ बेचने की सिफारिश भी गलत वक्त पर तब आती है जब बाजार बढ़ने को होता है।

इस समय तकरीबन सारे ऑपरेटर मिड कैप और बी ग्रुप के शेयरों में सक्रिय हो गए हैं। इसलिए इस श्रेणी के शेयरों में तेजी का सिलसिला जारी रहेगा, वो भी दमदार अंदाज में। मुनाफावसूली या शेयर बेचकर कमाई करने का काम अभी केवल ए ग्रुप में चल सकता है क्योंकि इस ग्रुप के शेयर फिलहाल खिंच चुके हैं और नतीजों के बाद लोग इनसे निकल सकते हैं। बी ग्रुप के शेयरों में वॉल्यूम या धंधे की मात्रा वाकई काफी अच्छी है जिससे लगता है कि इनमें बड़े खिलाड़ी भी उतर रहे हैं। इस समय तो बी ग्रुप के शेयरों के झूमने का दौर है क्योंकि इनमें लगा पैसा हर दिन कम से कम 5 फीसदी से लेकर 10 फीसदी तक बढ़ रहा है। कभी-कभी तो यह 20 फीसदी भी हो जाता है।

काम करने का अपना आनंद होता है और यह आनंद आपको ही नही, आपके आसपास वालों को भी नई ताजगी व ऊर्जा से भर देता है।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है लेकिन फालतू के वैधानिक लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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