घातक है ठहराव

स्थिरता आभासी है। होती नहीं, दिखती है। इस समूची सृष्टि में स्थिरता जैसी कोई चीज नहीं है। सब कुछ चल रहा है। बन रहा है या मिट रहा है। ठहर गए तो समझिए कि हम अपनी उल्टी गिनती खुद शुरू कर रहे हैं।

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